हरिद्वार। समूचा विश्व कोरोना महामारी से त्रस्त है। इसकी समाप्ति के लिए सभी अपने-अपने स्तर से प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में रविवार को सूर्यग्रहण की विशेष अवधि में पौराणिक सिद्धपीठ श्री दक्षिण काली मन्दिर के पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द ब्रह्मचारी ने विशेष पूजन-अर्चन किया।
सूर्यग्रहण प्रारम्भ होने के साथ ही महामण्डलेश्वर कैलाशानन्द ब्रह्मचारी ने पवित्र नील धारा गंगा में स्नान किया। इसके बाद पूरे ग्रहण काल में विशेष पाठ किया गया। उनके साथ स्नान एवं पाठ करने में काली मन्दिर परिवार के समस्त महात्मा, विद्यार्थी एवं शिष्य शामिल रहे।
ग्रहण की समाप्ति पर महामण्डलेश्वर कैलाशानन्द ब्रह्मचारी के साथ हरिद्वार के जिलाधिकारी सी. रविशंकर, क्षेत्र प्रचार प्रमुख, पश्चिम यू.पी. व उत्तराखण्ड कपिल शर्मा और काली मन्दिर परिवार के समस्त महात्मा, विद्यार्थी और शिष्यों ने गंगा में स्नान किया। स्नान के पश्चात स्वामी कैलाशानन्द ने माँ गंगा का विशेष पूजन अर्चन कर वैश्विक महामारी कोरोना की समाप्ति के लिए प्रार्थना की।
इसके बाद सभी ने महामाई काली का दर्शन कर कोरोना महामारी से भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व के जनमानस की रक्षा के लिए पूजन किया।
जीवन के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है योग : स्वामी कैलाशानन्द
इससे पूर्व विश्व योग दिवस पर प्रातः काल स्वामी कैलाशानन्द ने मंदिर आश्रम में अपने शिष्यों के साथ योगाभ्यास किया। उन्होंने सभी सुखी एवं निरोगी होने की प्रार्थना की।
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत्।।
इस अवसर पर महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द ने कहा कि मन और शरीर के संबंध को संतुलित कर परमात्मा और प्रकृति से जुड़ने के लिए योग सबसे उत्तम विधि है। योग द्वारा तनाव और चिंता को कम कर मन-मस्तिष्क को एकाग्र रखने के साथ-साथ मन और शरीर पर नियंत्रण किया जा सकता है। आंतरिक शरीर में सकारात्मक बदलाव तथा शरीर के अंगों के कामकाज को नियमित करने के लिए नियमित योगाभ्यास अतिआवश्यक है।