पटना। बिहार में गुरुवार को वज्रपात (आकाशीय बिजली) ने लोगों पर कहर बरपाया। एक ही दिन में तेज बारिश के साथ हुए वज्रपात यानि आकाशीय बिजल गिरने से बिहार के विभिन्न जिलों में 83 लोगों की मौत हो गयी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वज्रपात से 83 लोगों की मृत्यु पर दुःख जताया है। साथ ही, उन्होंने मृतकों के आश्रितों को तत्काल चार-चार लाख रुपये अनुग्रह राशि देने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में वह प्रभावित परिवारों के साथ हैं।
जानकारी के अनुसार वज्रपात से गोपालगंज में 13, पूर्वी चंपारण में पांच, सीवान में छह, दरभंगा में पांच, बांका में पांच, भागलपुर में छह, खगड़िया में तीन, मधुबनी में आठ, पश्चिम चंपारण में दो, समस्तीपुर में एक, शिवहर में एक, किशनगंज में दो, सारण में एक, जहानाबाद में दो, सीतामढ़ी में एक, जमुई में दो, नवादा में आठ, पूर्णिया में दो, सुपौल में दो, औरंगाबाद में तीन, बक्सर में दो, मधेपुरा में एक और कैमूर में दो लोगों की मृत्यु हुई है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि खराब मौसम में पूरी तरह सतर्क रहें। खराब मौसम होने पर वज्रपात से बचाव के लिए आपदा प्रबंधन विभाग समय-समय पर जारी किए गए सुझावों का पालन करें। खराब मौसम में घरों में रहें और सुरक्षित रहें।
मधुबनी में पति-पत्नी व पिता-पुत्र-बहू की मौत
भारी बारिश के बीच वज्रपात ने मधुबनी जिले में दो परिवारों को उजाड़ दिया। यहां घोघरडीहा में खेत में काम कर रहे पति-पत्नी की मौत ठनका गिरने से हो गई। वहीं, फुलपरास में एक ही परिवार के पिता, पुत्र व बहू की दर्दनाक मौत हो गई।
वज्रपात यानि आकाशीय बिजली से ऐसे करें बचाव
- बिजली कड़कने के दौरान पेड़ के नीचे खड़े न रहें
- बिजली के खंभों और ऊंचे वृक्षों से दूर ही रहें
- जल्द से जल्द किसी मकान में आश्रय लें
- लोहे की वस्तुओं से भी पर्याप्त दूरी बनाए रखें
- बिजली के उपकरणों का उपयोग नहीं करें
- खुले अथवा खेतों में मोबाइल उपयोग न करें
- ऊंची इमारत अथवा पहाड़ की चोटी पर खड़े न रहें
- तालाब या नदी में तैर या नहा रहे हों तो जमीन बाहर निकल आएं
-सिर के बाल खड़े हो रहे हों तो आसपास खतरा हो सकता है, बचें - अपने हाथों से बालों को ढंककर सिर घुटनों में छुपाकर बैठ जाएं
- भवनों, सार्वजनिक इमारतों पर तड़ितचालक अवश्य लगाएं