इस्लामाबाद। महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि के मद्देनजर पाकिस्तान सरकार ने 29 जून से सभी सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर साहिब कॉरिडोर को खोलने का फैसला किया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसके लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं।

कोरोना वायरस महामारी के कारण भारत सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर को 16 मार्च से बंद कर दिया था। इसके चलते पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के जाने पर रोक लग गई थी। उस समय पैसेंजर टर्मिनल पर तैनात कस्टम एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कॉरिडोर तब तक बंद रहेगा, जब तक कोरोना वायरस का खतरा कम नहीं हो जाता।

गौरतलब है कि यह कॉरिडोर 72 साल के इंतजार के बाद 9 नवंबर 2019 को खुला था। कॉरिडोर खुलने के बाद 128 दिनों में 62,206  ने गुरुद्वारा साहिब के दर्शन किए।

 क्या है करतारपुर साहिब गुरुद्वारा 

करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जिसे मूल रूप से गुरुद्वारा दरबार साहिब के नाम से जाना जाता है, सिखों का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहां गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष बिताए। वह यहां16 सालों तक रहे। इसी गुरुद्वारे की जगह पर गुरु नानक देव जी ने अपना देह 22 सितंबर 1539 को छोड़ा था। इसके बाद गुरुद्वारा दरबार साहिब बनवाया गया। यह पावन गुरुदावारा पाकिस्तान के पंजाब सूबे रे नारोवाल जिले में स्थित है। यह जगह लाहौर से 120 किलोमीटर दूर है। यह गुरुद्वारा रावी नदी के करीब स्थित है और डेरा साहिब रेलवे स्टेशन से इसकी दूरी चार किलोमीटर है। यह गुरुद्वारा भारत-पाकिस्तान सीमा से सिर्फ तीन किलोमीटर दूर है।

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