हरिद्वार। योगगुरु स्वामी रामदेव ने बुधवार को मीडिया के सामने कोरोनिल पर पतंजलि का पक्ष स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ दुष्प्रचार किया गया और बवंडर मचा रखा है। दावा किया कि कोरोनिल पर नियम कानून के मुताबिक काम किया गया। आयुष मंत्रालय ने हमारी कोशिशों की तारीफ की है इसके बाद अब कोरोनिल पर कोई विवाद नहीं है।
बाबा रामदेव ने आगे कहा कि “हमने शोध से जुड़े प्रमाण आयुष मंत्रालय को सौंपे हैं। आयुष मंत्रालय ने हमारी कोशिशों की तारीफ की है। कोरोनिल पर अब कोई विवाद नहीं है। 7 दिन में कोरोना के 100फीसदी मरीज ठीक हुए। देशभर में कोरोनिल दवा मिलेगी। कोरोनिल श्वासरि का लाइसेंस लिया। रोगमुक्त समाज बनाना गुनाह है तो करूंगा। मेरी जात और धर्म को लेकर के गंदा वातावरण बनाने की कोशिश की गयी। मेरे खिलाफ देशभर में एफआईआर दर्ज की गयीं।“
स्वामी रामदेव ने कहा, “हमने पूरे ट्रायल में देखा कि सबसे बड़ा खतरा होता है जब कोरोना शरीर में फेफड़ों में घर बना लेता है और वायरस शरीर में लाखों कॉपी तैयार कर लेता है। हमने देखा कि दवा से बहुत अच्छा रिस्पांस मिला। पूरा साइंटिफिक डॉक्यूमेंटेशन है। जो प्रोटोकॉल्स तय किए गए हैं, उसके मुताबिक हमने रिसर्च किया है।“
उन्होंने आगे कहा, “अभी कोरोना के ऊपर क्लीनिकल ट्रायल हुआ है। वैसे ही 10 से बड़ी बीमारी के 3 लेवल के ट्रायल हम पार कर चुके हैं। हमारे पास 500 वैज्ञानिकों की टीम है। एक कोरोना ट्रायल का रिजल्ट क्या रखा, तूफान सा आ गया। ये टाई-शाय पहनने वाले मानने को तैयार नहीं हुए कि लंगोट पहनने वाला ये कैसे कर सकता है? उन्हीं के रिसर्च पैरामीटर्स के मुताबिक हमने ये कार्य आगे बढ़ाया है और आगे बढ़ना है।“
स्वामी रामदेव ने आगे कहा, “हमारे पास आयुर्वेद ड्रग लाइसेंस है और कुछ लोग इसी पर कोहराम मचा रहे हैं कि आपने लाइसेंस क्या लिया है और ड्रग क्या बना रहे हैं। हमने जिन एक्सट्रैक्ट्स को लेकर के करोनिल और श्वसारी को निर्मित किया है और इनको साथ-साथ दिया गया है। रजिस्ट्रेशन के लिए हमने रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस फॉलो किया और रिसर्च के लिए हमने रिसर्च का प्रोसेस फॉलो किया। हमने लाखों का रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) ऐसा ठीक किया कि दवा लेने की जरूरत ही नहीं।“