वाशिंगटन। अमेरिका के रक्षा विभाग (पेंटागन) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि चीन और भारत के बीच सीमा पर तनाव बना हुआ है लेकिन दोनों देशों ने अभी तक इन मतभेदों को उस स्तर तक पहुंचने से रोक रखा है जब 73 दिन तक डोकलाम में गतिरोध की स्थिति बनी रही थी।

अमेरिकी कांग्रेस को दी गई अपनी वार्षिक रिपोर्ट में पेंटागन ने कहा है कि चीन और भारत की विवादित सीमा के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों में तनाव बना हुआ है। चीन और भारत के गश्ती दल विवाद वाले क्षेत्र में नियमित रूप से एक-दूसरे के सामने आते हैं और दोनों ही पक्ष अकसर एक-दूसरे पर सीमा क्षेत्र उल्लंघन का आरोप लगाते हैं। चीनी और भारतीय बल नियमित सीमा बैठकों में विवाद पर चर्चा करते हैं और छोटी-मोटी टकराव की स्थितियों को रोकने के लिए सामान्यत: असहमतियों को सुलझा लेते है। हालांकि पेंटागन ने कांग्रेस को बताया कि 2017 के सीमा विवाद का स्थाई समाधान नजर नहीं आ रहा है।

पेंटागन ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश को चीन और भारत के बीच तनाव बना हुआ है। चीन इसे तिब्बत का हिस्सा बताते हुए अपना भाग बताता है जबकि भारत उसके इस दावे को सिरे से खारिज करता रहा है। अकसाई चिन क्षेत्र को लेकर भी विवाद है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अपनी सक्रिय रक्षा रणनीति के तहत चीन के नेता अपने देश के रणनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ऐसे तरीके अपनाते हैं जिनमें सशस्त्र संघर्ष ना हो। गतिविधियों को इस तरह निर्धारित किया जाता है कि अमेरिका और उसके सहयोगी तथा साझेदार देशों या भारत-प्रशांत क्षेत्र के अन्य देशों के साथ सशस्त्र संघर्ष की स्थिति न बन पाए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण और पूर्वी चीन सागर में तथा भारत एवं भूटान के साथ लगी सीमा के क्षेत्र में भी चीन के क्षेत्रीय व समुद्री दावों में ये तरीके विशेष रूप से दिखाई देते हैं।  गौरतलब है कि चीन का दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में क्षेत्रीय विवाद चल रहा है। चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, वहीं वियतनाम, फिलीपीन, मलेशिया, ब्रूनेई और ताइवान भी दक्षिण चीन सागर के द्वीपों पर दावा करते हैं।

अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा है कि चीन की वेस्टर्न थियेटर कमांड का रुख भारत और आतंकवाद विरोधी मिशनों की तरफ है और भौगोलिक रूप से यह देश के अंदर सबसे बड़ी थियेटर कमान है।

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