इस्लामाबाद। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के बाद पाकिस्तान भले ही तिममिलाया हुआ हो और मरे मन से उसके खिलाफ कार्रवाई कर रहा हो पर लगता है कि पाकिस्तानी मीडिया का नजरिया एकदम साफ है। पाकिस्तानी मीडिया ने अपनी सरकार से अनुरोध किया कि देश में जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियां पूरी तरह बंद की जाएं और मसूद अजहर को भी अपनी गतिविधियां जारी रखने की अनुमति न दी जाए।
पाकिस्तान के एक प्रमुख अखबार “डॉन” ने संपादकीय में लिखा है, “दक्षिण एशिया के सबसे घातक जेहादी संगठनों में से एक जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े दो दशक से अधिक के करियर के बाद मसूद अजहर पर फंदा कसता नजर आ रहा है क्योंकि आतंकी सरगना को संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है। कुछ खेमे इसे भारत की जीत के तौर पर देख सकते हैं लेकिन तथ्य यह है कि अजहर और उसके संगठन ने पाकिस्तान के लिए संकट पैदा करने के अलावा कुछ नहीं किया। उसने भले ही कश्मीर पर फोकस किया हो लेकिन पाकिस्तान में भी जमकर तबाही मचाई है।”
पाकिस्तान के एक और बड़े अखबार “एक्सप्रेस ट्रिब्यून” ने लिखा कि चीन ने अपनी वीटो तभी वापस लिया जब अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे प्रस्तावकों के साथ बड़े कूटनीतिक समझौते हो गए। गौरतलब है कि भारतीय संसद के अलावा पठानकोट और पुलवामा जैसे हमलों को अंजाम देने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को एक मई को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया गया था। करीब एक दशक से उसके खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की तरफ से प्रतिबंध घोषित करवाने का प्रयास कर रहे भारत की कोशिशों को सफलता तब मिली जब चीन ने अपना वीटो पावर हटा कर इसका समर्थन कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान सरकार ने सख्त कदम उठाते मसूद अजहर की संपत्ति फ्रीज करने के साथ ही उसके यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस संबंदध में जारी अधिसूचना में कहा है कि मसूद अजहर के खिलाफ संकल्प को पूरी तरह से लागू किया जाए।