तिरूपति। कोरोना काल में स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस बाते को लेकर चेताते रहे हैं कि संक्रमण से बचाना है तो भीड़भाड़ वाले किसी भी स्थान पर जानें से बचें, भले ही वह कोई धार्मिक स्थल ही क्यों न हो। इसके बावजूद कुछ लोग धार्मिक स्थलों को बंद करने को लेकर नाराजगी जताते रहे हैं। धार्मिक स्थलों को क्यों बंद रखना चाहिए? इस, सवाल का जवाब अब हिंदुओं के प्रमुख धर्मस्थलों में शामिल तिरूमला तिरूपति देवस्थानम (टीटीडी) से आया है जिसके करीब 17 कर्मचारियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।

टीटीडी बोर्ड के अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने शनिवार को एक आपात बैठक के बाद संवाददाताओं को कर्मचारियों के संक्रमित होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हाल ही में संक्रमित हुए लोगों में एक आर्चक (सहायक पुजारी), कुछ संगीतज्ञ और सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। संक्रमित कर्मचारियों को सर्वश्रेष्ठ उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है।

सुब्बा रेड्डी ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार के बाद मंदिर को बंद कर दिया गया था और इसे 11 जून को फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। प्रतिदिन सिर्फ 6,000 श्रद्धालुओं को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई। उन्होंने कहा कि सभी एहतियात बरते जा रहे हैं। टीटीडी ने यह तय किया है कि किसी भी परिस्थिति में 12,000 से अधिक श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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