लाइफस्टाइल डेस्क। ज्योतिष भूत, वर्तमान और भविष्य का दर्पण है। यह गणिताधारित विज्ञान है। ज्योतिष शास्त्र में किसी भी कार्य महत्वपूर्ण कार्य को करने और न करने के लिए अनेक योगों के बारे में वर्णन किया गया है। कार्य की सफलता सभी का अभीष्ट होता है। इसमें ज्योतिष में वर्णित शुभ मुहूर्त विचार करके कार्य निष्पादन की बात कही गयी है। इसके बावजूद अनेक बार समयाभाव या परिस्थितियोंवश निर्धारित मुहूर्त नहीं मिल पाता। ऐसे में योग का विचार करना चाहिए। ऐसे में सर्वार्थ सिद्धि योग की भूमिका भी महत्वपूर्ण मानी गयी है।
सर्वार्थ सिद्धि योग के समय आरम्भ/ सम्पन्न किया गया कार्य अपनी अभीष्ट सिद्धि को प्राप्त करेगा, ऐसा माना जाता है। प्रायः देखने में आता है कि सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ही अमृत सिद्धि योग का संयोग बनता है। यह समय बहुत उपयुक्त होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन दोनों ही योगों के बनने पर अगर आरंभ किया गया कार्य सकारात्मक परिणाम देता है।
दिनाँक | समय (घं. मि.) | दिनाँक | समय (घं. मि.) |
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जुलाई 2, 2020, बृहस्पतिवार | 02:34 एएम से 05:24 एएम | जुलाई 15, 2020, बुधवार | 04:44 पीएम से 05:31 एएम, जुलाई 16 |
जुलाई 2, 2020, बृहस्पतिवार | 05:24 एएम से 01:14 एएम, जुलाई 03 | जुलाई 20, 2020, सोमवार | 09:21 पीएम से 05:34 ए एम, जुलाई 21 |
जुलाई 5, 2020, रविवार | 11:02 पी एम से 05:26 ए एम, जुलाई 06 | जुलाई 21, 2020, मंगलवार | 08:30 पीएम से 05:34 ए एम, जुलाई 22 |
जुलाई 6, 2020, सोमवार | 11:12 पी एम से 05:26 ए एम, जुलाई 07 | जुलाई 26, 2020, रविवार | 05:37 एएम से 12:37 पी एम |
जुलाई 12, 2020, रविवार | 05:29 ए एम से 08:19 ए एम | जुलाई 29, 2020, बुधवार | 08:33 एएम से 05:39 ए एम, जुलाई 30 |
जुलाई 14, 2020, मंगलवार | 05:30 ए एम से 02:07 पी एम | जुलाई 30, 2020, बृहस्पतिवार | 05:39 एएम से 07:41 ए एम |
drikpanchang से साभार