लखनऊ। (Uttar Pradesh Recruitment of 69000 Assistant Teacher Posts) उत्तर प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों के लिए 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती के विवाद में योगी आदित्यनाथ सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर अब कोई भी सुनवाई से इन्कार कर दिया। साथ ही निर्देश दिया कि हाईकोर्ट में ही अपील करें।
सुप्रीम कोर्ट ने 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में एक आंसरशीट विवाद को लेकर याचिका खारिज कर दी है। इस मामले में 3 जून को स्टे दिलाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इन्कार करने के साथ याचिकाकर्ता को हाइकोर्ट में अपील करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट में आज शिक्षक भर्ती लिखित परीक्षा उत्तर कुंजी से संबंधित कुल पांच केस थे जिसमें न्यायमूर्ति यूयू ललित की बेंच ने याचिकाकार्ता को बिना कोई राहत दिए मामला हाईकोर्ट की डबल बेंच में पुन: भेज दिया है। इस मामले में डबल बेंच ने पहले ही सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी है।
परीक्षा में गलत प्रश्नों के विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में ऋषभ मिश्रा की तरफ से याचिका दायर की गई थी जिस पर सुप्रीम में मंगलवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट इससे पहले अमिता त्रिपाठी की तरफ से दायर को खारिज कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच का आदेश बरकार रखते हुए 24 जून को किसी भी तरह का हस्तक्षेप करने से मना करते हुए याची अमिता त्रिपाठी की तरफ से कोर्ट में दाखिल याचिका को खारिज कर दिया था।।
मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन पर 14 को सुनवाई
शिक्षामित्रों के पदों और कटऑफ के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई मोडिफिकेशन एप्लीकेशन पर सुनवाई अब 14 जुलाई को होगी। सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्री ने शिक्षक भर्ती में शामिल एक पक्ष की मांग पर 7 जुलाई को तारीख लगा दी थी लेकिन अब 14 जुलाई के लिए ही लिस्टेड कर दिया गया है। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने कहा था कि पूरे देश में सभी परीक्षाओं की उत्तरमाला को चैलेंज करने का एक कल्चर बन गया है। याची अमिता त्रिपाठी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से 12 जून को सुनाए गए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसके कारण उत्तर प्रदेश सरकार को काउंसलिंग प्रक्रिया को बीच में ही रोकना पड़ा था। यूपी सरकार ने शिक्षक भर्ती की 1 जून को कटऑफ लिस्ट जारी करके 3 जून से काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की थी। तभी उसी दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने 8 मई के बाद की सारी प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया था। उन्होंने इस मामले में यूजीसी के एक्सपर्ट से रिपोर्ट मांगी है और 6 जुलाई तक रिपोर्ट को सबमिट करने के लिए कहा था। इसके बाद सिंगल बेंच में फिर से इस मुद्दे पर सुनवाई होनी है।