बरेली। महाराजा अग्रसेन महाविद्यालय में ‘‘नोटबन्दी के पचास दिन और भारत का भविष्य’’ विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का अयोजन किया गया। इसमें विद्यार्थियों बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपना पक्ष रखा। दोनों ही पक्षों के वक्ताओं ने मजबूत तर्कों के साथ अपनी बात पेश की। इसमें अंनत मिश्रा एवं रुखसार पक्ष एवं विपक्ष के विजेता रहे। इसके अलावा पक्ष का द्वितीय पुरस्कार दीक्षा गोस्वामी एवं तृतीय सोना कुमारी व स्वाति गोयल को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। विपक्ष में द्वितीय फरहा खान, एवं तृतीय चैतन्य व निधि को सांत्वना पुरस्कार मिला।
15 छात्र-छात्राओं ने पक्ष में अपने विचार प्रस्तुत करते हुये कहा कि नोटबन्दी के पचास दिन के पश्चात भारत के भविष्य में मंहगाई की कमी, बेरोजगारी में कमी, सरकारी कार्यों में पारदर्शिता, सरकार का खजाना भर गया, सरकारी योजनाओं को पूरा करने में आसानी, रिश्वत खोरी में कमी होगी आदि विचार दिये।
विपक्ष में भी अपने विचार करते हुए कहा कि प्रधानमन्त्री के नोटबन्दी के फैसले से भारत के भविष्य पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ेगा इससे धनी व्यक्तियों को ही फायदा होगा, देश से काला धन नहीं निकला सभी प्रचलित नोट जमा हो गये। गरीब व्यक्तियों को परेशानी उठानी पड़ रही है, देश अभी कैश लैश के लिए तैयार नहीं है।
इससे पूर्व प्रतियोगिता का शुभारम्भ मुख्य अतिथि कविन्द्र अग्रवाल, प्राचार्य डा. के.के. सिंह, बी.एड. विभाागाध्यक्षा डा. मीनाक्षी चन्द्रा, डीन डा. नीतू मेहरोत्रा और चीफ प्राॅक्टर मेहरोत्रा ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। निर्णायक मण्डल में डा. ओ.पी. पाण्डेय, डा. तनुजा भट्ट एवं डा. विजय सिन्हाल रहे।
कार्यक्रम के आयोजन में डा0 कमल किशोर मेहरोत्रा, डा. रंजना जायसवाल, श्री नमिता गुप्ता, डा. तनुजा भट्ट, डा. शिवानी शर्मा, डा. प्रतिभा रस्तोगी, डा. अनु अग्रवाल, संचित कक्कड, शोभित अग्रवाल, मंयक शर्मा आदि का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम में उदित मिश्रा, गौरव सक्सेना, पंकज सक्सेना, अंकुर गुप्ता, धीरज अग्रवाल, डा. मोहित अग्रवाल, संजय गुप्ता, नाजिया हसन खान, मिस भावना मिश्रा, डा. गंुजन अग्रवाल, डा. पराग अग्रवाल, डा. सुमित अग्रवाल, डा. अमित गुप्ता आदि अनेक शिक्षक उपस्थित रहे।