उज्जैन (एजेन्सी)। कानपुर काण्ड के मुख्य आरोपी विकास दुबे को अंततः पुलिस ने दबोच ही लिया। विकास दुबे को एनकाउंटर के सातवें दिन मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया गया। बताया जा रहा है विकास दुबे ने खुद ही स्थानीय मीडिया और पुलिस के सामने सरेण्डर किया। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद भी विकास मीडिया के सामने चिल्लाया- मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला।
पुलिस की पकड़ में आने के बावजूद विकास दुबे उसी हेकड़ी से तनकर गाड़ी तक पहुंचा। उसके चेहरे कोई शिकन तक नहीं थी। गाड़ी के पास आकर जब पुलिस ने उसे पकड़कर अंदर बैठाने का प्रयास किया तो विकास दुबे जोर से चिल्लाया, ’मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला….’ उसके इतना बोलते ही हेकड़ी कम करने के लिए पीछे खड़े एक पुलिसवाले ने उसे एक थप्पड़ मारा।
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री ने की पुष्टि
वहीं, मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी विकास दुबे की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि विकास दुबे अभी मध्य प्रदेश पुलिस की कस्टडी में है। अभी गिरफ्तारी कैसे हुई इसके बारे कुछ भी कहना ठीक नहीं। मंदिर के अंदर या बाहर, कहां से गिरफ्तारी हुई, इसके बारे में कहना ठीक नहीं। विकास क्रूरता की हदें शुरू से ही पार कर रहा था। वारदात होने के बाद से ही हमने पूरी मप्र पुलिस को अलर्ट पर रखा था।
बता दें कि यूपी पुलिस की दर्जनों टीमें और क्राइम ब्रांच की टीम उसे कई प्रदेश में तलाश रही थीं। पुलिस की तमाम नाकाबंदी के बावजूद विकास पहले कानपुर से हरियाणा पहुंचा। वहां वो फरीदाबाद के एक होटल में रुका। पुलिस पहुंचती उससे पहले ही विकास उस होटल से भी फरार हो गया। हालांकि सीसीटीवी में उसकी फोटो कैद हो गई। फरीदाबाद से किसी तरह निकलकर विकास मध्य प्रदेश पहुंच गया। बताया जाता है कि वह उज्जैन के महाकाल मंदिर गया था। बताते हैं कि विकास दो दिन कानपुर, दो दिन फरीदाबाद और फिर मध्य प्रदेश पहुंच गया।
विकास दुबे पर था पांच लाख का इनाम
पहले विकास दुबे पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। विकास दुबे को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया। इसके बाद कानपुर जोन के एडीजी जय नारायण सिंह ने उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया। इसके बाद इनाम की राशि ढाई लाख की गई और फिर पांच लाख कर दी गयी थी।
विकास के 5 साथियों को पुलिस कर चुकी है ढेर
अब तक विकास दुबे के पांच करीबी साथी पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। साथ ही दो अन्य साथियों दयाशंकर कल्लू और श्यामू वाजपेयी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस मुठभेड़ में मारे गए साथियों के नाम हैं- प्रेम प्रकाश (विकास दुबे का मामा), अतुल दुबे (विकास दुबे का भतीजा), अमर दुबे (विकास दुबे का राइड हैंड), प्रभात और प्रवीण उर्फ बउवा।