नई दिल्ली। भारत में तैयार की जा रही कोरोना वायरस वैक्सीन को 15 अगस्त 2020 तक लॉन्च किए जाने की बात पिछले कुछ समय से कही जा रही है। हालांकि कई जानकारों ने इस पर सवाल भी उठाए हैं। गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लेकर स्थिति साफ करने की कोशिश की। मंत्रालय ने कहा है कि अभी तक वैक्सीन का ट्रायल शुरू नहीं हुआ है। हालांकि, ट्रायल जहां होना है, उन साइट्स का चयन हो गया है। जल्द ही ट्रायल भी शुरू कर दिया जाएगा। लेकिन, लॉन्च की कोई तारीख मंत्रालय की ओर से नहीं बताई गई है।
हाल ही में कहा गया था कि 7 जुलाई को ट्रायल शुरू हो जाएगा और 15 अगस्त तक कोरोना की वैक्सीन लॉन्च की जाएगी। इसकी सच्चाई पर पूछे गए सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) राजेश भूषण ने कहा, “इस समय पूरे विश्व में 100 से अधिक वैक्सीन कैंडिडेट्स हैं, जो ट्रायल के अलग-अलग स्टेज पर हैं। भारत के लिए संतोष की बात है कि दो ऐसे वैक्सीन कैंडिडेट्स हैं जो पूरी तरह से स्वदेशी हैं। इसमें एक भारत बायोटेक इंटनैशनल लिमिटेड की वैक्सीन है और दूसरी मेसर्स कैडिला हेल्थकेयर की वैक्सीन है। भारत बायोटेक इंटनैशनल लिमिटेड आईसीएमआर के साथ सहयोग करके वैक्सीन डवेलप कर रहा है।”
राजेश भूषण ने आगे कहा, “इन दोनों ही वैक्सीन ने ऐनिमल टॉक्सिसिटीज स्टडीज पूरी कर ली हैं। ये स्टडीज चूहे, गिनी पिग और खरगोश पर होती हैं। इन दोनों स्टडीज का डेटा ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) के साथ शेयर किया गया है। इसके बाद ही दोनों को फेज-वन के क्लिनियल ट्रायल की अनुमति दी गई है। फेज-1 और फेज-2 का ट्रायल कहां पर होगा, यह भी तय किया जा चुका है लेकिन अभी ट्रायल शुरू नहीं हुआ है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही ट्रायल शुरू होंगे और जैसे ही नतीजे आएंगे, सबके समक्ष रखे जाएंगे।”
देश में सामुदायिक संक्रमण की स्थिति को लेकर राजेश भूषण ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी स्थानीय प्रकोप और सामुदायिक प्रसारण की कोई मानक परिभाषा नहीं दी है। उसन स्थानीय स्थितियों का आकलन करने के बाद अपने सदस्य राज्यों को रिपोर्ट करने का अधिकार दिया है। डब्ल्यूएचओ के इस बयान पर कि वायरस हवा से संक्रमण फैला सकता है, भूषण ने कहा कि यह एक गतिशील और विकसित स्थिति है। हम इस पहलू पर डब्ल्यूएचओ से आने वाली सूचनाओं को देख रहे हैं।