नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को 8 देशों के 76 विदेशी नागरिकों को जमानत दे दी। इन सभी को कोरोना वायरस संकट के दौरान कथित तौर पर वीजा शर्तों का उल्लंघन कर निजामुद्दीन मरकज में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम में अवैध रूप से शामिल होने और सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहन कौर ने सभी विदेशियों को जमानत के लिए 10-10 हजार रुपये कका पर्सनल बॉन्ड भरने पर राहत दी। सुनवाई के दौरान, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी विदेशी नागरिकों को अदालत में पेश किया गया। जिन देशों के नागरिकों को जमानत दी गई उनमें माली, नाइजीरिया, श्रीलंका, केन्या, जिबूती, तंजानिया, दक्षिण अफ्रीका और म्यांमार के लोग शामिल हैं।
इससे पहले बुधवार को भी दिल्ली की एक अदालत ने वीजा शर्तों का उल्लंघन कर राजधानी के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात के मरकज के एक आयोजन में शामिल होने के मामले में 21 देशों के 91 नागरिकों को जमानत दे दी थी। इन लोगों पर वीजा शर्तों का उल्लंघन करने के अलावा अवैध रूप से मिशनरी गतिविधियों में शामिल होने और देश में कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर जारी किए गए सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप है।
अदालत ने इस मामले में मंगलवार को भी मलेशिया के 122 नागरिकों को जमानत दी थी। अदालत ने मामले में 36 विभिन्न देशों से संबंधित 956 विदेशी नागरिकों के खिलाफ दायर 59 आरोप पत्रों पर संज्ञान लिया और वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये विभिन्न तिथियों पर आरोपियों को तलब किया। आरोप पत्रों के अनुसार, सभी विदेशी नागरिकों पर वीजा नियमों, कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सरकारी दिशा-निर्देशों और धारा 144 के तहत निषेधात्मक आदेशों का उल्लंघन करने के आरोप हैं।