सनातन हिन्दू पंचांग को वैदिक पंचांग कहा जाता है। इस पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बनता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण हैं। इस कॉलम के माध्यम से हम आपको दैनिक पंचांग में शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिन्दू मास एवं पक्ष आदि की जानकारी देने का प्रयास करते हैं।
शुक्रवार, जुलाई १७, २०२० का पञ्चाङ्ग बरेली, भारत के लिए
सूर्योदय:
०५:२६
सूर्यास्त:
१९:११
हिन्दु सूर्योदय:
०५:३०
हिन्दु सूर्यास्त:
१९:०६
चन्द्रोदय:
२६:५७
चन्द्रास्त:
१६:१५
सूर्य राशि:
कर्क
चन्द्र राशि:
वृषभ
सूर्य नक्षत्र:
पुनर्वसु
द्रिक अयन:
दक्षिणायण
द्रिक ऋतु:
वर्षा
वैदिक अयन:
दक्षिणायण
वैदिक ऋतु:
ग्रीष्म
हिन्दु लूनर दिनाँक
शक सम्वत:
१९४२ शर्वरी
चन्द्रमास:
आषाढ़ – अमान्त
विक्रम सम्वत:
२०७७ प्रमाथी
श्रावण – पूर्णिमान्त
गुजराती सम्वत:
२०७६
पक्ष:
कृष्ण पक्ष
तिथि:
द्वादशी – २४:३३ तक
नक्षत्र, योग तथा करण
नक्षत्र:
रोहिणी – २०:२८ तक
योग:
वृद्धि – २४:०० तक
प्रथम करण:
कौलव – १२:१३ तक
द्वितीय करण:
तैतिल – २४:३३ तक
अशुभ समय
दुर्मुहूर्त:
०८:१३ – ०९:०८
वर्ज्य:
११:५६ – १३:३९
१२:४६ – १३:४०
२६:१७ – २७:५७
राहुकाल:
१०:३६ – १२:१८
गुलिक काल:
०७:१२ – ०८:५४
यमगण्ड:
१५:४२ – १७:२४
शुभ समय
अभिजित मुहूर्त:
११:५१ – १२:४६
अमृत काल:
१७:०३ – १८:४६
अन्य
आनन्दादि योग:
मित्र – २०:२८ तक
तमिल योग:
अमृत – २०:२८ तक
मानस
अमृत
होमाहुति:
केतु
अग्निवास:
पाताल – २४:३३ तक
पृथ्वी
निवास और शूल
दिशा शूल:
पश्चिम में
राहु काल वास:
दक्षिण-पूर्व में
नक्षत्र शूल:
पश्चिम में २०:२८ तक
चन्द्र वास:
दक्षिण में
चन्द्रबलम और ताराबलम
निम्न राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम अगले दिन सूर्योदय तक:वृषभ, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मीन *तुला राशि में जन्में लोगो के लिए अष्टम चन्द्र
निम्न नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबलम २०:२८ तक:अश्विनी, कृत्तिका, मॄगशिरा, आर्द्रा, पुष्य, मघा, उत्तराफाल्गुनी, चित्रा, स्वाती, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढा, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तर भाद्रपद उसके पश्चात – निम्न नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबलम अगले दिन सूर्योदय तक:भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुनर्वसु, अश्लेशा, पूर्वाफाल्गुनी, हस्त, स्वाती, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढा, श्रवण, शतभिषा, पूर्व भाद्रपद, रेवती