नयी दिल्ली, 24 जुलाई । संसद में जारी गतिरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि भारत में किये जा रहे निर्णयों पर दुनिया बारीक नजर रखती है और सांसदों से वैश्विक रूप से प्रभावित करने वाले विषयों पर वृहद दृष्टिकोण रखने को कहा।
प्रधानमंत्री ने अध्यक्षीय शोध कदम कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सांसद चाहे किसी दल के हो, उन्हें अपने विचार मुक्त रूप से व्यक्त करना चाहिए। मोदी ने कहा कि विषय चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, हम आमतौर पर अपने विचार, पार्टी की सोच और क्षेत्रीय आधार पर व्यक्त करते हैं। यह भी जरूरी है। हम जो भी निर्णय करते हैं, दुनिया की उस पर निगाह होती है। प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी को कुछ महत्वपूर्ण सुधारों के संसद में लंबित होने की पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आज इस वैश्विक दुनिया में अलग- थलग कोई निर्णय नहीं कर सकते। निर्णय वैश्विक परिस्थितियों के संदर्भ में होती हैं। अचानक सोने का दाम गिर जाए, ग्रीस में कोई स्थिति उत्पन्न हो जाए, तब हम यह नहीं कह सकते कि यह कहीं और हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ हमें इसे संदर्भ में देखना होगा और इसके पड़ने वाले प्रभाव का मूल्यांकन करना होगा। हमें इन दोनों को जोड़कर संसद के माध्यम से कार्यान्वित करना होगा जहां नियम या कानून जो हम बनाते हैं वो इसके आधार पर होते हैं।’’ ललित मोदी प्रकरण और व्यापमं घोटाला मामले पर सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे, शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की विपक्ष की मांग पर संसद में जारी गतिरोध को देखते हुए मोदी की यह टिप्पणी महत्वपूर्ण है।