वाशिंगटन, 24 जुलाई। अमेरिकी सांसदों को थिंकटैंक से जुड़ी एक विशेषज्ञ ने बताया है कि भारत की ऐक्ट ईस्ट की नीति और जापान एवं ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की नीतियां दक्षिणपूर्वी एशियाई क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित कर रही हैं।
एशिया मेरीटाईम ट्रांसपेरेंसी सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज़ की निदेशक मीरा रैप-हूपर ने कहा, ‘‘चूंकि चीन लगातार अपनी सेना में निवेश कर रहा है और खतरनाक गति से नए जहाजों को उतार रहा है, ऐसे में दावेदारों ने क्षेत्र में अन्य साझेदारों से मदद मांगी है।
वर्ष 2014-15 में, उन्होंने जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत में इसे पाना शुरू कर दिया।’’ कल कांग्रेस की सुनवाई के दौरान रैप-हूपर ने कहा कि भारत ने क्षेत्र के साथ अपने संबंधों को मजबूती देने के लिए ‘एक्ट ईस्ट की नीति’ लागू करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में भारत-आसियान और पूर्वी एशिया सम्मेलनों के दौरान भारतीय अधिकारियों ने नौपरिवहन की आजादी, विवादों के शांतिपूर्ण निपटान और अंतरराष्ट्रीय नियम के महत्व पर जोर दिया।