नयी दिल्ली, दो अगस्त। संसद में बने गतिरोध को दूर करने के लिए बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक के एक दिन पहले आज सरकार और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध तेज हो गया । सरकार ने जहां मुख्य विपक्षी दल पर ‘‘नकारात्मकता’’ एवं ‘विघ्नकारी रवैये’ का आरोप लगाया वहीं कांग्रेस ने पलटवार करते हुए गतिरोध दूर करने को लेकर सत्ता पक्ष की गंभीरता पर सवाल किया।
मानसून सत्र के लगभग आधा हिस्सा के बिना खास कामकाज के ही गुजर जाने के बीच सरकार ने कहा कि कांग्रेस के लिए ‘‘सम्मानजक रास्ता’’ यह होगा कि ललित मोदी की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा की गई। कथित ‘‘मदद’’ के मुद्दे पर वह सदन में चर्चा कराने के लिए तैयार हो जाए।
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए साफ किया कि मध्य प्रदेश के व्यापमं घाटाले पर चर्चा नहीं हो सकती क्योंकि यह एक राज्य से जुड़ा विषय है। इस मामले को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विपक्ष के निशाने पर हैं। संसद में बने गतिरोध को दूर करने के लिए सरकार ने कल एक सर्वदलीय बैठक बुलायी है।
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि कांग्रेस ‘राजनीतिक कारणों’ से सरकार से परेशान हो सकती है, लेकिन उसे गहराई से यह आत्मविश्लेषण करना चाहिए कि ‘‘नकारात्मक सोच एवं उसके विघ्नकारी रवैये’’ से देश और अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा।