लखनउ, 01 अगस्त। सपा ने अपनी मुम्बई इकाई के उपाध्यक्ष मुहम्मद फारूक घोसी द्वारा सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को पत्र लिखकर हाल में फांसी की सजा पाये आतंकवादी याकूब मेमन की पत्नी को ‘संसद भेजने’ की सिफारिश से पल्ला झाड़ लिया है।
सपा के प्रान्तीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने इस पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सपा मुखिया से मुम्बई बम धमाकों के जुर्म में 30 जुलाई को फांसी की सजा पाये याकूब मेमन की पत्नी राहीन को सांसद बनाने की गुजारिश फारूक की निजी भावना हो सकती है।
उन्होंने कहा कि इसे पार्टी का रुख नहीं माना जा सकता। वह तो फारूक को जानते तक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक राजधानी पर हमला करके सैकड़ों लोगों की जान लेने वाले व्यक्ति को पिछले दिनों फांसी हुई है। पूरा मुल्क इस सजा का समर्थन करता है।
गौरतलब है कि सपा की मुम्बई इकाई के उपाध्यक्ष फारूक घोसी ने पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव को कल लिखे गये पत्र में कहा कि याकूब मेमन के साथ उसकी पत्नी राहीन को भी गिरफ्तार किया गया था मगर कुछ समय तक जेल में रखने के बाद उसे बरी कर दिया गया था। उस वक्त उसने कितनी तकलीफ सही होगी।
उन्होंने पत्र में कहा ‘‘आज मुझे राहीन मेमन असहाय लग रही हैं, और इसी तरह देश में कितने असहाय होंगे जिनकी लड़ाई हम सबको लड़ना है और मुसलमान भी खुद को असहाय समझ रहा है। हमें साथ देना चाहिये और राहीन याकूब मेमन को संसद सदस्य बनाकर मजलूम तथा असहाय लोगों की आवाज बनने देना चाहिये।’’ फारूक ने कहा था कि वह मानते हैं उनसे इस मामले में जल्दबाजी हो गयी लेकिन वह अब भी अपने रुख पर कायम हैं।