नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पिछले 15 साल से पाकिस्तान में फंसी बोलने एवं सुन पाने में अक्षम 23 साल की भारतीय लड़की गीता की कहानी ने दोनों ही देशों के लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। इस मसले पर केंद्र सरकार ने मदद का हाथ बढ़ाया है।
गौरतलब है कि 23 वर्षीय गीता की कहानी काफी हद तक बजरंगी भाईजान फिल्म की कहानी से मिलती-जुलती है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार सुबह ट्विटर पर ट्वीट कर गीता के बारे में पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी से बातचीत की।
23 साल की गीता भी फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ के मुन्नी के किरदार की तरह बोल नहीं सकती है। साथ ही सुनने में भी असमर्थ है। 13 साल पहले पंजाब रेंजर्स के जरिये गीता नाम की यह यह बच्ची उनके पास आई थी। सालों से ‘एदी सेंटर’ उसके परिवार और शहर के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि वह घर लौट सके।
गौरतलब है कि गीता को पहले लाहौर स्थित ‘एदी सेंटर’ लाया गया था, जहां से बाद से में उसे कराची स्थित एक आश्रय गृह में भेज दिया गया है। यहां बिलकिस एदी ने इस लड़की का नाम ‘गीता’ रखा और अब वे इस लड़की के बहुत करीब हो गई हैं। अब गीता के बारे में माना जाता है कि बचपन में वह भटककर पाकिस्तानी सीमा में दाखिल हो गई थी।
अखबार के मुताबिक, ‘गीता ने सिर्फ मोबाइल फोन पर भारत का नक्शा पहचाना। गीता ने भारतीय नक्शे पर पहले झारखंड और फिर तेलंगाना पर अंगुली रखी और रो पड़ी।’ मानवाधिकार कार्यकर्ता और पूर्व मंत्री अंसार बर्नी ने तीन साल पहले अपने भारत दौरे के समय गीता का मुद्दा उठाया था।
अब उन्होंने इस लड़की के लिए फेसबुक अभियान चलाया है। फैसल ने कहा कि पिछले साल भारतीय वाणिज्य दूतावास के कर्मचारी उसके पास आए थे और तस्वीर एवं रिकॉर्ड लिए थे, लेकिन वे वापस नहीं आए।’ लेकिन उसके परिवार के बारे में कोई पता नहीं लगा सका। संगठन के कार्यकर्ताओं ने गीता को मनाया कि वह एक हिंदू लड़के से शादी करके नई जिंदगी की शुरुआत करे। लेकिन उसने अपनी सांकेतिक भाषा में मना कर दिया।