इस्लामाबाद। पाकिस्तान की फेडरल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) के पूर्व डीजी तारिक खोसा ने कहा, “पाकिस्तानी सरकार को यह सच मान लेना चाहिए कि मुंबई (26/11) हमले में पाकिस्तान की गलती के शुरुआती सबूत हैं । खोसा की ही अगुआई में पाकिस्तान सरकार ने मुंबई हमले की जांच कराई थी।”
पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार डॉन में छपे लेख में खोसा ने कहा कि अब तक मिले सबूतों से पाकिस्तान की गलती पता चलती है। अब पाकिस्तान को एक देश के तौर पर कड़वे सच का सामना करना चाहिए और अपनी जमीन से आतंकियों का खात्मा करना चाहिए।
खोसा ने लिखा कि उनके पास 7 ऐसे तथ्य है जो साबित करते है कि पाकिस्तान ने अपनी जमीन से मुंबई हमले की साजिश रचने में सहायता की है। इसलिए उन्होंने पाकिस्तान सरकार से गुजारिश की है कि उन्हें ट्रायल में तेजी बरतकर मुंबई हमले के पीड़ितो को न्याय दिलाना चाहिए।
खोसा ने अपने आर्टिकल में लिखा है कि इस जांच में साफ है कि सभी आतंकी पाकिस्तान से थे। हमले की साजिश और अंजाम देने के लिए लॉजिस्टिक सेंटर सिंध में बनाया गया था। मास्टरमाइंड कराची में बैठकर आतंकियों को निर्देश दे रहे थे।
एजेन्सी