नई दिल्ली, 8 फरवरी। सोमवार को अमावस्या तिथि रहकर सोमवती अमावस्या का योग बना रही तो इसी दिन मौनी अमावस्या भी है। यह खास संयोग पूजा पाठ, मौन धारण समेत विभिन्न दृष्टियों से श्रेष्ठ माना जाता है। सोमवार भगवान शिवजी का दिन माना जाता है और सोमवती अमावस्या तो पूर्णरूपेण शिवजी को समर्पित होती है। इस दिन यदि गंगाजी जाना संभव न हो तो प्रात: किसी नदी या सरोवर आदि में स्नान करके भगवान शंकर, पार्वती और तुलसी की भक्तिपूर्वक पूजा करें।
इस तरह का योग इससे पहले 23 जनवरी 2012 को आया था। इसमें खास बात यह भी है कि इस वर्ष सोमवती अमावस्या के साथ श्रवण नक्षत्र भी रहेगा। इसे भी अच्छा माना गया है। शास्त्रों के मुताबिक अमावस्या को शिव पूजन, पितरों के लिए अर्पण-श्राद्ध की दृष्ठि महत्वपूर्ण माना गया है। आने वाली अमावस्या मौनी अमावस्या है, इस दिन पवित्र स्नान, दानपुण्य करना फलदायक होता है।
सोमवती अमावस्या के दिन 108 बार अगर तुलसी की परिक्रमा करना, ओंकार का थोड़ा जप करना, सूर्य नारायण को अर्घ्य देना, यह सब साथ में करना अच्छा माना जाता है। सिर्फ तुलसी को 108 बार प्रदक्षिणा करने से ऐसा माना जाता है कि घर की दरिद्रता भाग जाएगी, जिस अमावस्या को सोमवार हो, उसी दिन इस व्रत का विधान है।
प्रत्येक मास एक अमावस्या आती है, परंतु ऐसा बहुत ही कम होता है, जब अमावस्या सोमवार के दिन हो। यह स्नान, दान के लिए शुभ और सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। ग्रंथों में कहा गया है कि सोमवार को अमावस्या बड़े भाग्य से ही पड़ती है। इस दिन को नदियों, तीर्थो में स्नान, गोदान, अन्नदान, ब्राह्मण भोजन, वस्त्र आदि दान के लिए विशेष माना जाता है। सोमवार चंद्रमा का दिन है। इस दिन अमावस्या को सूर्य तथा चंद्र एक सीध में स्थित रहते हैं, इसलिए यह पर्व विशेष पुण्य देने वाला होता है।