गाजियाबाद, 15 फरवरी। गाजियाबाद के कविनगर के रहने वाली दीप्ति सरना के अपहरण कांड में पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई है। दीप्ति 10 फरवरी को वैशाली मेट्रो स्टेशन के बाहर से अगवा की गई थी, जिसके दो दिन बाद वह पानीपत से मिली थी। इस मामले में सभी आरोपी हरियाणा से पकड़े गए हैं। इस मामले का मास्टरमाइंड दीप्ती से एकतरफा प्यार करता था जिसके चलते उसने युवती का अपहरण किया।
इस मामले में सभी आरोपी हरियाणा से पकड़े गए हैं। इनका मास्टरमाइंड देवेंद्र है, जो कुरुक्षेत्र जेल से भागा हुआ है और इसके ऊपर 15 हजार का इनाम भी है। रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस पूछताछ के मुताबिक देवेंद्र मानसिक रोगी है। गाज़ियाबाद एसएसपी धर्मेंद्र सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में घटनाक्रम की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि अपहरण से पहले आरोपी युवक करीब 150 बार उसकी रेकी कर चुका था। हालांकि युवती का कहना था कि वह इनमें से किसी भी आरोपी से पहले कभी भी नहीं मिली। करीब सालभर पहले जनवरी-फरवरी के दौरान आरोपी ने दीप्ति को दिल्ली के राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर पहली बार देखा था। तभी से उसे वह पसंद आ गई थी। इसके बाद दीप्ति के ही साथ काम करने वाले एक युवक (जिसके नाम का खुलासा नहीं किया गया) के जरिये युवती के संबंध में कई जानकारियां जुटाईं। इसके बाद वह कई बार उसे देखने जाता था, उसे युवती के पहनावे के संबंध में भी पूरी जानकारी रहती थी। इस दौरान वह कई बार उसके घर तक जा चुका था।
सिंह ने बताया कि पूरी साजिश का मुख्य आरोपी देवेंद्र सोनीपत के कामी गांव का रहने वाला है। वह युवती से एकतरफा प्यार करता था और उसे पाने के लिये उसने पूरा खेल रच दिया। करीब 150 बार पीछा करने के बावजूद आरोपी ने कभी दीप्ति से बात करने की कोशिश नहीं की। साथ उसने अपने बाकी साथियों को भी मामले की पूरी जानकारी नहीं दी थी। बल्कि उसने अपने साथियों को यह कहकर योजना में शामिल किया था- ‘मैं एक लड़की को जानता हूं जो बाहर से आई है और हवाला का काम करती है। हम उसे पकड़ेंगे तो हवाला का काम करने के चलते वह पुलिस को भी नहीं बताएगी।’
अपहरण के दौरान जब दीप्ति आरोपी देवेंद्र के साथ थी, तो उसने दीप्ति को यह भरोसा दिलाने की कोशिश करता रहा कि वह उसे कुछ नहीं होने देगा। आरोपी दीप्ति के मन में खुद के प्रति सहानुभूति पैदा करना चाहता था। पूरे घटनाक्रम के दौरान अपराधियों ने ना तो फिरौती की रकम मांगी और ना ही दीप्ति को शारीरिक रूप से कोई नुकसान पहुंचाया। उन्होंने युवती सकुशल रखा और समय पर खाना भी उपलब्ध कराया। हालांकि इस दौरान उसे काफी पैदल चलना पड़ा जिससे पैर में सूजन भी आ गई थी।
घटना के कई घंटों बाद जब देवेंद्र को आभास हुआ कि पुलिस की सर्चिंग काफी तेज हो गई है, तो उसने दीप्ति को वापस लौटाना ही उचित समझा। हालांकि जब वह उसे स्टेशन छोड़ने आया तो उसने दीप्ति से कहा कि दोस्त बनाकर जा रही हो या दुश्मन। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक हैरानी की बात यह है कि दीप्ति ने भी पूछताछ के दौरान देवेंद्र के प्रति सख्त रुख नहीं अपनाया।