चंडीगढ़, 20 फरवरी। जाट आरक्षण को लेकर हिंसक हो चले आंदोलन ने शनिवार को विकराल रूप धारण कर लिया है। नियम और कानून ताक पर हैं, जबकि पुलिस और प्रशासन प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने में अब तक असफल साबित हुए हैं। सुबह से ही आगजनी और तोड़फोड़ का दौर जारी है, जिसके बाद हरियाणा के 6 शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
रोहतक और भिवानी में शुक्रवार से ही कर्फ्यू लागू है, जबकि रोहतक में उग्र भीड़ ने नियम और कानून को ताक पर रखकर घरों में पथराव किया। हिसार में सेना की गाड़ी को भी प्रदर्शनकारियों ने वापस लौटने पर मजबूर कर दिया है।
आज तीन और शहरों में कर्फ्यू लगाया गया जिसमें सोनीपत, गोहाना और झज्जर शामिल हैं जहां रात के दौरान और दिन में भी आगजनी की छिटपुट घटनाएं हुईं। सेना ने रोहतक और भिवानी जिलों में फ्लैग मार्च किया। राज्य में रेल और सड़क परिवहन प्रभावित रहा जिस कारण दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और चंडीगढ़ के लिए विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों से सेवा बाधित रही। इसमें राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या और चंडीगढ़ के लिए विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों से सेवा बाधित रही। इसमें राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 (दिल्ली अंबाला) और एनएच 10 (दिल्ली हिसार फाजिल्का) भी बाधित रहा। रेल अधिकारियों ने कई रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया। पुलिस ने कहा कि कुछ लोगों ने हरियाणा के मंत्री ओ पी धनखड़ के झज्जर स्थित आवास पर पथराव किया लेकिन घटना में कोई जख्मी नहीं हुआ। खट्टर ने शांति बनाए रखने की अपील की, कहा-समाधान ढूंढेंगे
मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘मैं अपने सभी हरियाणा वासियों से राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने और समाज में सौहार्द्र कायम रहे, यह सुनिश्चित करने की अपील करता हूं।’’ खट्टर ने हाल में जाट और खाप नेताओं के साथ यहां बातचीत की, लेकिन इसके फलदायी नतीजे नहीं मिले क्योंकि प्रदर्शनकारी सरकारी नौकरियों में अति पिछड़ा वर्ग (OBC) कोटा की अपनी मुख्य मांग पर अड़े रहे और उन्होंने राज्य के आर्थिक रूप से पिछड़े तबके के लिए आरक्षण कोटा 10 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने की मुख्यमंत्री की घोषणा को भी खारिज कर दिया।