लखनऊ, 4 अप्रैल। पीलीभीत में 25 साल पहले हुई फर्जी मुठभेड में दस सिख तीर्थयात्रियों की हत्या आरोपी 47 पुलिसकर्मियों को सीबीआई की विशेष अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी। विशेष जज लल्लू सिंह ने एक अप्रैल को फर्जी मुठभेड के लिए पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया था।
पुलिसकर्मियों ने 12 जुलाई 1991 को सिख तीर्थयात्रियों से भरी एक बस को रोक कर दस यात्रियों को बाहर उतार लिया। आरोपपत्र में कहा गया कि तीर्थयात्रियों की जंगल में ले जाकर तीन समूहों में बांटकर हत्या कर दी गयी थी और उसे मुठभेड़ बता दिया गया।
यह मामला उस समय का है जब राज्य के तराई क्षेत्र में कुछ आतंकवादी घटनाएं हुईं थीं। सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर मामले की जांच की और कहा कि हत्या की वजह आतंकवादियों को मारकर पुरस्कार और पदोन्नति हासिल करना था। इस मामले में 57 पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया था लेकिन मुकदमे के दौरान ही दस की मौत हो गयी।