नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के मामले में दखल देने से इन्कार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव की याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि चुनाव आयोग शिकायतों पर आदेश जारी कर चुका है। हालांकि, कोर्ट ने आदेश में कमी की शिकायत कर रहे याचिकाकर्ता के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि इसके लिए वह अलग याचिका दायर कर सकते हैं।

इससे पहले सुष्मिता देव ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने दावा किया था कि चुनाव आयोग इसका विश्लेषण करने में नाकाम रहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के कथित नफरत वाले भाषण “गलत आचरण” हैं और इससे धार्मिक आधार पर वैमनस्य की भावना फैल रही है। सुष्मिता देव ने एक हलफनामे में नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतों पर चुनाव आयोग के विभिन्न आदेशों को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि चुनाव आयोग ने कुछ शिकायतों का निपटारा करते हुए इस अदालत द्वारा निर्धारित कानून का सरासर उल्लंघन करते हुए बिना कोई कारण बताए गूढ़ तरीके से आदेश पारित किया।

कांग्रेस पार्टी ने छह मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी के खिलाफ चुनाव आयोग के समक्ष एक नई शिकायत दर्ज करायी थी। इस हलफनामे में सुष्मिता देव ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की छवि धूमिल की गई। कोर्ट ने सुष्मिता देव की याचिका को आठ मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था।  साथ ही शीर्ष अदालत ने बीते सोमवार को सुष्मिता देव से कहा था कि वह आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को क्लीन चिट देने संबंधी निर्वाचन आयोग के आदेशों को रिकॉर्ड पर लाएं।

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