up election 2017लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश विधानसभा चुनाव में विपक्षियों के हमलों को उनकी हताशा का नतीजा करार देते हुए आज कहा कि विरोधियों के हाव-भाव और गुस्सा यह बता रहा है कि उनकी जमीन खिसक चुकी है।

अखिलेश और राहुल ने यहां संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में अपने गठबंधन के ‘प्रगति के 10 कदम’ प्रतिबद्ध हैं हम’ संकल्प पत्र का विमोचन करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा बसपा मुखिया मायावती द्वारा उन पर व्यक्तिगत छींटाकशी किये जाने पर कहा कि चुनाव एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। इसमें ज्यादा भावनात्मक या गुस्सा होने की जरूरत नहीं है। यह कहीं ना कहीं बता रहा है कि उनकी जमीन खिसक गयी है।

अखिलेश ने कहा कि विपक्षी लोग सपा और कांग्रेस के गठबंधन को दो कुनबों का गठबंधन कह रहे हैं लेकिन दरअसल यह दो युवाओं का गठबंधन है। हम युवाओं को जोडेंगे। हम किसी से कुछ छीन नहीं रहे हैं। हम ऐसा चाहते भी नहीं। इसमें गुस्सा होने वाली क्या बात है। मैं तमाम मतदाताओं का धन्यवाद देता हूं। पहले चरण का चुनाव हो रहा है। इसमें साइकिल और कांग्रेस को सबसे पहले वोट पड़ा है, और जो आगे होता है, वह आगे ही रहता है।

राहुल और अखिलेश ने कहा कि ‘प्रगति के 10 कदम’ प्रतिबद्ध हैं हम’ संकल्पपत्र को हम दोनों ने मिलकर बनाया है। कांग्रेस और सपा की सरकार बनने पर इन 10 फैसलों पर प्राथमिकता के साथ काम किया जाएगा। इसमें फ्री स्मार्ट फोन, 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण, किसानों को फसली राहत, सस्ती बिजली, एक करोड़ गरीब परिवारों को एक हजार रुपये मासिक पेंशन, शहरी गरीबों को एक वक्त नि:शुल्क भोजन, दलित एवं पिछड़े वर्ग के 10 लाख लोगों को नि:शुल्क आवास, तेज और असरदार कार्रवाई के लिये पुलिस का आधुनिकीकरण इत्यादि कार्य शामिल हैं।

अखिलेश ने जन्मपत्री संबंधी प्रधानमंत्री मोदी की कथित टिप्पणी के बारे में पूछे गये सवाल पर कहा कि यह चुनाव है। इसमें गुस्सा नहीं आना चाहिये। प्रधानमंत्री ने जो चीजें जमीन पर पहुंचायी हैं, उनके बारे में बताएं। आज इंटरनेट का जमाना है, सबकी जन्मपत्री निकलती है। प्रधानमंत्री अगर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर चलें तो मैं कह सकता हूं कि वह भी सपा-कांग्रेस को ही वोट देंगे।

वहीं राहुल गांधी ने कहा कि मोदी को ‘जन्मपत्री’ पढ़ना, गूगल पर सर्च करना और लोगों के बाथरूम में झांकना पसंद है..लेकिन एक प्रधानमंत्री के तौर पर वह विफल हैं, उन्हें उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणामों से झटका लगेगा।

 

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