नयी दिल्ली। अभिनेत्री हुमा कुरैशी ने अपने पांच साल के फिल्म करियर में अधिकतर मल्टीस्टारर फिल्में की हैं लेकिन उनका कहना है कि उन्हें इस बात का अफसोस नहीं हैं क्योंकि किसी ने भी उन्हें खास तरह से तैयार किए गए किरदार नहीं दिए और उन्होंने अपनी मेहनत से बॉलीवुड में पहचान बनायी।
30 साल की अभिनेत्री ने 2012 में ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से फिल्मी दुनिया में कदम रखा था और उसके बाद ‘लव शव ते चिकन खुराना’, ‘डी-डे’, ‘डेढ़ इश्किया’, ‘एक थी डायन’ और ‘बदलापुर’ जैसी कई फिल्मों में काम किया।
अभिनेत्री ने कहा, ‘सच में कोई योजना नहीं थी। ‘डेढ़ इश्किया’ तक मैंने हर फिल्म के लिए ऑडिशन दिए। और मैं यह बेहद गर्व के साथ कहती हूं क्योंकि मुझे लगता है कि यह मेरी मेहनत के कारण मुझे मिले। यह मेरे लिए तैयार नहीं किए गए थे, मेरे लिए योजना नहीं बनायी गयी थी। किसी ने भी मुझे लांच करने का फैसला नहीं किया।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने इसपर काम किया। मैं दिल्ली से हूं, मैंने थियेटर किया है और मैं इस तरह से आयी। इसलिए मैं इस बात को लेकर गर्व महसूस करती हूं कि मेरा करियर आगे की तरफ बढ़ा और मैं कम से कम नीचे की तरफ नहीं जा रही।’ हुमा गुरिंदर चड्ढा की फिल्म ‘द वॉयसराय हाउस’ से हॉलीवुड में पर्दापण करने जा रही हैं और उन्होंने निर्देशक की जमकर तारीफ की।
एजेन्सी