शिमला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्र के प्रति चिंता या यूं कहें की राष्ट्रवाद की भावना कितनी प्रखर है, इसकी खुलासा किया है सेना के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने। भाजपा नेता एवं ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) कुशाल ठाकुर ने शुक्रवार को दावा किया कि मोदी टाइगर हिल पर भारतीय सेना के फिर से कब्जा लेने के अगले ही दिन सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए वहां पहुंचे थे।
ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा कि नरेंद्र मोदी जब 5 जुलाई 1999 को (इसको कब्जे में लेने के एक दिन बाद) टाइगर हिल आए थे, उस समय वह न तो प्रधानमंत्री थे और न ही गुजरात के मुख्यमंत्री, बल्कि वह उस समय हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रभारी थे। कुशाल ठाकुर ने कहा कि मोदी का टाइगर हिल का दौरा करना राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर उस वक्त भी उनकी चिंता को दर्शाता है, जब वह किसी भी आधिकारिक पद पर नहीं थे।
ठाकुर उस समय 18 ग्रेनेडियर्स के कमांडिंग ऑफिसर थे जिसने रणनीतिक चोटियों को वापस कब्जे में लिया था। उन्होंने दावा किया कि देश ने मोदी के पांच साल के कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति में काफी बदलाव देखा. भगवा पार्टी की आतंकवाद के खिलाफ “बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने” की नीति सर्जिकल स्ट्राइक और हवाई हमले (एयर स्ट्राइक) के माध्यम से “साबित” हुई है।