बरेली। नवयुवक सद्भावना समिति द्वारा दिया जाने वाला सौम्या सम्मान इस बार समाज सेवा के लिए डा. ममता गोयल को दिया गया। ममता गोयल प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो. राम प्रकाश गोयल की बेटी हैं। सम्मान समारोह का आयोजन सिविल लाइन स्थित मोहन आई इंस्टीट्यूट के सभागार में किया गया था।
सौम्या सम्मान के बारे में बताते हुए समिति के अध्यक्ष अंकुश शर्मा ने कहा कि यह छठा सम्मान है। समिति प्रति वर्ष शहर की एक बेटी को उसके द्वारा साल भर किये गये कार्यों के लिए यह सम्मान देती है। इसके लिए समिति के सदस्य शहर की विभिन्न हस्तियों के कार्य-कलापों का साल भर अवलोकन करते हैं फिर किसी एक को चुनते हैं। श्री शर्मा ने कहा कि जिस समाज में बेटियों का सम्मान नहीं हो सकता, वह कभी प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि आधी आबादी के बिना सामाजिक संरचना की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
मुख्य अतिथि प्रसिद्ध नेत्र सर्जन डा. संजीव मोहन ने ममता गोयल को शाॅल ओढ़ाकर एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं का स्थान सर्वदा पुरुषों से ऊपर है। हमारे ग्रंथों एवं पुराणों का अध्ययन करें तो पायेंगे कि हमारी महान संस्कृति में सभी शक्तियां देवियों में ही समाहित हैं। ये भारत में नारी शक्ति के प्रति श्रद्धा एवं सम्मान का प्रतीक है।
सम्मान प्राप्त करने के बाद डा. ममता गोयल ने कहा कि इस महान समाज में आज नारी शक्ति की दुर्दशा बेहद चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा आज की नारी देवी का दर्जा नहीं बराबरी का हक चाहती है। उसे निर्णय लेने की स्वतंत्रता चाहिए। उसे सम्मान से जीने का हक चाहिए।
इससे पूर्व समिति द्वारा किये जाने वाले अन्य सामाजिक कार्यों पर समिति के महासचिव डाॅ. शाहजेब खान ने विस्तार से प्रकाश डाला। इसके अतिरिक्त डा. विकास सिन्हा, अजमेरा इंस्टीट्यूट आफ मीडिया स्ट्डीज के चेयरमैन विशाल गुप्ता, सचिन श्याम भारतीय ने भी विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर रचना भटनागर, रतन गुप्ता, सौरभ गुप्ता, मुजीब खान आदि समेत बड़ी संख्या में लोग एवं समिति के सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन कवि रोहित राकेश ने किया।