नयी दिल्ली। रक्त के प्रवाह को निर्बाध बनाने के लिए रक्त नलिकाओं में लगने वाले स्टेंट के मूल्य की अधिकतम सीमा तय करने के केन्द्र के फैसले की प्रशंसा करते हुए डॉक्टरों के एक समूह ने आज कहा कि दवाओं की कीमत, कूल्हा तथा घुटना प्रतिरोपण तथा आंखों में लगने वाले लेंस के लिए भी कीमत तय की जानी चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे गए एक पत्र में अलायंस ऑफ डॉक्टर्स फॉर एथिकल हेल्थकेयर (एडीईएच) ने कहा है कि रक्त नलिकाओं में लगने वाले स्टेंट की तरह ही इन दवाओं और प्रतिरोपण के लिए भी ‘बहुत ज्यादा’ शुल्क लिया जाता है।

संगठन ने स्टेंट के कीमत की अधिकतम सीमा तय करने संबंधी सरकार के फैसले की प्रशंसा की और इस ‘क्रांतिकारी’ कदम के लिए प्रधानमंत्री को श्रेय दिया।

एडीईएच की कोर समिति के सदस्य जीएस ग्रेवाल और अरूण मित्तल की ओर से लिखे गए पत्र के अनुसार, ‘एडीईएच प्रधानमंत्री से दवाओं के मूल्यों, विशेष जेनेरिक और कैंसर की दवाआें, तथा आंखों में लगने वाले लेंसों, कूल्हा तथा घुटना प्रतिरोपण आदि के लिए भी खर्च की अधिकतम सीमा तय करने का अनुरोध करता है, क्योंकि इनके लिए भी स्टेंट की तरह ही अधिक शुल्क लिया जाता है।’

संगठन ने दस्तोवजों के माध्यम से यह भी दिखाया कि किस प्रकार दवाओं, विशेष रूप से कैंसर, कूल्हा और घुटना प्रतिरोपण में प्रयुक्त सामग्री की ज्यादा कीमत वसूली जाती है, कई बार तो वास्तविक मूल्य के मुकाबले 200 प्रतिशत ज्यादा राशि वसूली जाती है।

 

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