आज 8 मार्च है। यानि विश्व की महिलाओं को समर्पित एक दिन यानि इंटरनेशनल वुमेन्स डे। पूरे विश्व में खुशी और उल्लास के साथ मनाया जाता है यह दिन। इस मौके के लिए संयुक्त राष्ट्र एक थीम देता है। इस बार थीम रखी गयी है ‘बी बोल्ड फॉर चेंज‘। अर्थात बदलाव के लिए मजबूती से तैयार रहो। इसके पीछे मकसद है जेंडर इक्वालिटी को बढ़ावा मिले। इस थीम के जरिए जेंडर इक्वालिटी के लिए लोग प्रोत्साहित हों। आज विश्वभर में महिलाओं के सम्मान में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।
महिलाओं के योगदान से समाज में काफी बदलाव हो रहे हैं और इस बार इस थीम के साथ 2030 तक महिलाओं से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने की कोशिश की जाएगी। इस बार की थीम के साथ महिलाओं को सशक्त बनाने का पूरा प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा आर्थिक विकास की दिशा में महिलाओं को बराबर का हकदार बनाने की कोशिश की जाएगी। इंटरनेशनल वुमेन्स डे को मनाने के पीछे मकसद यही है कि लिंग भेद को कम किया जा सके और महिलाओं को समान हक मिल सकें।
Be bold for change थीम के साथ महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाना है और उन्हें पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके अलावा नई तकनीकों के इस्तेमाल के लिए महिलाओं को बढ़ावा मिले। कई महिलाए ऐसी भी हैं जो घर पर 24 घंटे काम करती है लेकिन उन्हें कोई पहचान नहीं मिल पाती है उन्हें भी पहचान मिलनी चाहिए। क्योंकि कहीं न कहीं उनके अप्रत्यक्ष सहयोग से समाज को योगदान मिल रहा है। कई बार जॉब करने वाली महिलाओं के साथ उस जगह पर हिंसा जैसी घटना हो जाती है उन सबको रोकना भी मेन मकसद है।
इसके अलावा वर्तमान में लड़कियों के साथ इव टीजिंग और सेक्सुल हैरासमेंट जैसी घटानाएं घटित हो रही है उनकों भी पूरी तरह खत्म करना है। शिक्षा के बल पर ही लड़कियां काफी आगे बढ़ रही हैं। शिक्षा एकमात्र ऐसा साधन है कि जिससे समाज को बदला और बढ़ावा दिया जा सकता है इसलिए जरुरी है कि 2030 तक लड़का हो या लड़की उन्हें बचपन से ही अच्छी शिक्षा मिल सके।