concept picनयी दिल्ली। दुनिया की 70 फीसदी आबादी इन दिनों एक अज्ञात खतरे से जूझ रही है। यह खतरा वह हर समय साथ में लेकर घूमती है। दुनिया की बड़ी-बड़ी मोबाइल फोन कंपनियां कई वर्षों से आपके साथ एक बहुत बड़ा धोखा कर रही हैं। इन कंपनियों के लालच ने आपके पूरे परिवार को भी खतरे में डाल दिया है। यह खतरा है ब्रेन ट्यूमर का। यह खुलासा हुआ है ऑल इण्डिया इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज के एक ताजा शोध में।

All India Institute Of Medical Sciences द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक 10 वर्ष से भी ज़्यादा समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से ब्रेन ट्यूमर का खतरा 33 प्रतिशत बढ़ जाता है। लेकिन मोबाइल कंपनियों द्वारा कराये जाने वाले अलग-अलग अध्ययनों में इस खतरे को हमेशा कम करके दिखाया जाता है। यानि आपसे झूठ बोला जाता है।

रिसर्च के कुछ महत्वपूर्ण अंश के मुताबिक, ये दरअसल एक Meta Analysis है। यानी एक ऐसा Research जिसे तैयार करते वक्त दुनिया में हुई अलग-अलग अध्ययनों का विश्लेषण किया गया है। इस रिसर्च के मुताबिक दुनिया भर में हुए ज़्यादातर सरकारी Research में मोबाइल फोन से ब्रेन ट्यूमर के खतरे की बात कही गईं हैं, लेकिन मोबाइल फोन कम्पनियों द्वारा किए गये रिसर्च में इस खतरे को कम करके आंका गया है। इस तरह के सर्वे कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए तैयार किया जाता है।

मोबाइल फोन से इलेक्ट्रोमग्नेटिक ऊर्जा तरंगे निकलती हैं। International Agency For Research On Cancer के अनुसार ये तरंगे ही इंसानों में कैन्सर कारण बनती हैं और इनसे ब्रेन ट्यूमर भी हो सकता है। इसके बावजूद कोई भी कंपनी आपको मोबाइल फोन के खतरों के बारे में नहीं बताती। ये ठीक उसी तरह है जैसे पहले तम्बाकू का उत्पादन करने वाली कम्पनियां या स्वास्थ्य सम्बंधी चेतावनी अपने पैकेट पर छापती ही नहीं थीं, अगर छापती भी थीं तो बहुत छोटे आकार में, जिसे बिना लैंस के पढ़ पाना लगभग असंभव होता था।

ज़ी मीडिया से साभार
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