लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर दलजीत चौधरी ने कानपुर के एसएसपी को निर्देश दिया है कि वो राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष खिलाफ मामला दर्ज कराए। काउंसिल के अध्यक्ष आमिर आर मदनी पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर उस शख्स के परिवार को भड़काया जिसे लखनऊ के ठाकुर गंज में मार गिराया गया था।
UP ADGLaw&Order directs SSP Kanpur to register case against RUC pres Aamir R Madni for allegedly inciting kin of terrorist killed in Lucknow pic.twitter.com/hdqHAEua92
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 10, 2017
मौलाना आमिर ने मंगलवार को लखनऊ में एटीएस की कार्यवाही में मारे गए आईएस के संदिग्ध सैफुल्लाह एनकाउंटर मामले को फ़र्ज़ी करार दिया था ।
मौलाना का बयान प्रकाश में आने के बाद इस संज्ञान लेते हुए यूपी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने एसएसपी कानपुर को मौलाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
मौलाना ने एनकाउंटर में मारे गए आतंकी सैफुल्लाह के परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे थे। इस बीच मौलाना ने सैफुल्लाह के पिता से करीब 45 मिनट तक बात हुई। उसके बाद मौलाना आमिर मदनी, आतिफ और फैज़ल के घर भी गए। इस दौरान मौलाना ने कहा कि देश में इस तरह के कई फर्ज़ी एनकाउंटर हुए हैं।
मौलाना के इस बयान को पुलिस ने आतंकी के परिवार को भड़काना बताया है। इसी के तहत एडीजी लॉ एंड ऑर्डर दलजीत चौधरी ने एसएसपी कानपुर को मौलाना के खिलाफ केस दर्ज करने की बात कही है।
बता दें कि 7 मार्च को दोपहर लखनऊ के ठाकुरगंज में एक घर से फायरिंग की खबर आई। जिसके बाद इलाके को यूपी एटीएस, कमांडो और पुलिस ने घेर लिया। करीब 11 घंटे चली कार्रवाई में संदिग्ध सैफुल्ला को 8 मार्च की भोर में मार गिराए जाने की खबर मिली। शुरुआती दौर में प्रशासन की ओर कहा जाता रहा कि सैफुल्ला, खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट का है लेकिन फिर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने ही कहा था कि सभी संदिग्ध खुद से रैडिकलाइज हुए थे और इन्हें बाहर से किसी भी तरह की मदद नहीं मिली थी, इन लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए आईएस के लिटरेचर को पढ़ते थे और उससे प्रेरित होते थे।
दलजीत चौधरी ने कहा कि हमारे पास ऐसा कोई सबूत नहीं जिससे हम कह सके कि ये संदिग्ध सीधे तौर पर आईएस से जुड़े थे बल्कि ये खुद से आईएस के साहित्य की तरफ प्रेरित थे और खुद को खुरासान मॉडूल्य के तौर पर स्थापित करना चाहते थे। वहीं सैफुल्ला के पिता सरताज ने उसका शव लेने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा था कि उसने जो किया है वह देशहित में नहीं है इसलिए उसका शव परिवार के लोग नहीं लेंगे।