मच्छरदानी

बरेली। जिले में पिछले साल फैले मलेरिया का प्रकोप इस बार नहीं रहे, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग खासा अलर्ट है। विभाग ने खतरनाक मलेरिया को फैलने से रोकने के लिए मरीजों को खास मच्छरदानी देने की तैयारी की है। इस मच्छरदानी पर बैठते ही मच्छर मर जाएगा जिससे बीमारी का संक्रमण नहीं होगा।

पिछले साल जिले के मझगवां, भमोरा, रामनगर और आंवला ब्लॉक में मलेरिया का जबरदस्त प्रकोप फैला था। मलेरिया के खतरनाक प्लाज्मोडियम फैल्सीपैरम के जिले में 17 हजार से भी अधिक रोगी मिले थे। इतना ही नहीं प्लाजमोडियम वाईवेक्स के 24 हजार से अधिक मरीज सामने आए थे। खतरनाक मलेरिया के कारण मरने वालों की संख्या तीन सौ से अधिक थी। स्वास्थ्य विभाग ने तेजी से उस पर नियंत्रण किया। बावजूद इसके अब भी खतरनाक प्लाज्मोडियम फैल्सीपेरम के मरीज मिल रहे हैैं।

पिछले महीने जिले में 16 मरीज पाए गए हैैं। पिछले साल जैसे प्रकोप से बचने के लिए इस बार स्वास्थ्य विभाग खासा अलर्ट है। स्वास्थ्य विभाग ने इस बार फैल्सीपेरम से ग्रसित मरीज के परिवार को दो लॉंग लास्टिंग इंसेक्टीसाइडल नेट्स (मच्छरदानी) देने का निर्णय लिया है। मलेरिया को फैलाने में मच्छरों का खासा रोल होता है। मरीजों को दी जाने वाली खास किस्म की इस मच्छरदानी में कीटनाशक की परत लगी है। इस मच्छरदानी में बैठते ही संक्रमित मच्छर पल भर में मर जाएगा। 

क्‍या कहते हैं सीएमओ 

विभाग ने खतरनाक मलेरिया के मरीज के परिवारों को दो-दो खास किस्म की मच्छरदानी देने का निर्णय लिया है। इससे मच्छरों से फैलने वाला संक्रमण नहीं होगा। डॉ. विनीत शुक्ला, सीएमओ 

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