बरेली। डीएम सुरेंन्द्र सिंह ने सोमवार को करीब दो घंट कलेक्ट्रेट परिसर में घूमकर चप्पे-चप्पे का जायजा लिया। इस दौरान लापरवाह कर्मचारियों को फटकार लगाई। वहीं कर्मचारियों की समस्याओं को जाना और समाधान का आश्वासन दिया। इस मौके पर उन्होंने कर्मचारियों को संसाधन से लैस होने पर जोर दिया। बदहाल पड़ी इमारतों के शीघ्र निमार्ण कराने के निर्देश दिए। रिकार्ड रूम में गंन्दगी व सीलन देख नाजिर की फटकार लगाई।
सोमवार की सुबह ठीक 10 बजे डीएम सुरेन्द्र सिंह, एडीएम प्रशासन एसपी सिंह और एडीएम (एफआर) मनोज कुमार के साथ कलेक्ट्रेट का जायजालेने निकल पड़े। कलेक्ट्रेट के सयुंक्त कार्यालय में वह एक-एक कर्मचारी के पास पहुंचे और कार्य प्रगति की जानकारी ली। कार्यालय मे प्रिंटर की कमी बताई जाने पर जल्द ही उसकी व्यवस्था कराने के निर्देश दिए। इसी दौरान कुछ कर्मचारियों ने अपने ऊपर जरूरत से ज्यादा जिम्मेदारी होने की बात कही जिस पर डीएम ने कार्य विभाजन के निर्देश दिए।
सामान्य सहायक विजय कुमार वैश्य से डीएम ने मृतक आश्रित कोटे से सम्बन्धित फाइलों के बावत पूछताछ की साथ ही निर्देश दिए कि इस तरह की फाइलें ज्यादा समय तक पंेडिंग नहीं रहनी चाहिए। कलेक्ट्रेट के जायजे के दौरान डीएम सुरेंन्द्र सिंह ने सख्त लहजे में नजर आए उन्होंने कर्मचारियोंसे स्पष्ट रूप से कहा कि काम नहीं आता है तो सीखो। अपने सानियर से गाईडेंस लो, मगर शिकायत आई तो खैर नहीं। जीपीएफ पासबुक का काम देख रही कमचारी 28 फरवरी को सेवानिवृत्त हो गई है। उनके स्थान पर काम देख रही नयी प्रभारी को लापरवाही न करने की चेतावनी दी।
डीएम सुरेंन्द्र सिंह ने दौरेके बीचरिकार्ड रूममें सीलन देख नाराजगी जाहिर की। यहां उन्हें बताया गया कि कलेक्ट्रेट के अनुरक्षण को दस लाख रुपये का बजट है, जिसमें पुताई का कार्य भी शामिल है। जिस पर डीएम ने कहा कि सीलन रोकने के लिए ट्रीटमेंट प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए। सीलन से तो महत्वपूर्ण फाइलें खराब हो जायेगी। उन्होंने अच्छी क्वालिटी की पाॅलीथीन में रिकार्ड रूम की फाईलों को रखने के निर्देश दिए है।
डीएम श्री सिंह ने चकबन्दी कोर्ट के पास निर्माणाधीन भवन का काम रूका होने पर नाराजगी जताते हुए कार्यदायी संस्था को तलब किया है। वहां भवन के मलबे को देखकर उन्होंने 15 दिन के अन्दर मलबे की नीलामी करा कर साफ-सफाई के निर्देश दिये।