नई दिल्ली। अयोध्या विवाद को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बड़ा बयान दिया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महल ने कहा है कि हम कोर्ट के बाहर मामला सुलझाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद को लेकर जो भी मंगलवार को निर्देश दिए है उसके आधार पर हम कोर्ट के बाहर समझौता करने के लिए तैयार है।सुप्रीम कोर्ट ने कल दोनों पक्षकारों को इस मामले पर बातचीत के जरिए समाधान निकालने की सलाह दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने बातचीत के जरिये मुद्दे को सुलझाने की दी थी सलाह
सुप्रीम कोर्ट ने कल अयोध्या में रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद भूमि विवाद को अदालत के बाहर सुलझाने का सुझाव दिया और कहा कि ‘धर्म एवं भावनाओं’ के मुद्दों को बातचीत के जरिये सर्वश्रेष्ठ तरीके से सुलझाया जा सकता है। प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर ने मध्यस्थता का भी प्रस्ताव दिया।उनकी अध्यक्षता वाली पीठ ने सुझाव दिया कि विवाद के पक्ष इस मुद्दे को सुलझाने के लिए एक सार्थक और गंभीर बातचीत के लिए थोड़ा देने और थोड़ा लेने का रूख अपनाएं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2010 में सुनाया था फैसला
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ ने 2010 में उत्तर प्रदेश में स्थल के विवादित 2.77 एकड़ क्षेत्र को तीन हिस्सों में बांटने का फैसला सुनाया था।तीन न्यायाधीशों की पीठ ने बहुमत के फैसले में कहा था कि जमीन तीनों पक्षों सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और ‘राम लला’ के बीच बराबर बराबर बांटी जाए। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस तरह के धार्मिक मुद्दे बातचीत के जरिये ही सर्वश्रेष्ठ तरीके से सुलझ सकते हैं।
भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी तत्काल सुनवाई की मांग की थी
उच्चतम न्यायालय ने यह टिप्पणी तब की जब भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई की मांग की। स्वामी ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा दीवानी अपील पर फैसला सुनाए जाने के बाद इस मामले को छह साल से भी ज्यादा समय हो गया है और इस पर जल्द से जल्द सुनवाई किये जाने की जररत है।सांसद ने न्यायालय को बताया कि उन्होंने मुस्लिम समुदाय के सदस्यों से बात की थी जिन्होंने विवादित विषय में न्यायिक फैसले का समर्थन किया।
आडवाणी सहित कई नेताओं ने किया सुप्रीम कोर्ट के फैसला का स्वागत
भाजपा के अनुभवी नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने अयोध्या विवाद को अदालत के बाहर सुलझाने संबंधी उच्चतम न्यायालय की आज की सलाह का स्वागत किया और कहा कि इसे सुलझाने के लिए सभी संबंधित पक्षों को सर्वसम्मति पर पहुंचना चाहिए। नब्बे के दशक में राम जन्मभूमि आंदोलन के ध्वजवाहक आडवाणी ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय की सलाह स्वागत योग्य कदम है और मैं आशा करता हूं कि न्यायालय की सलाह के आलोक में सभी पक्ष सहमति पर पहुंचेंगे और राम मंदिर मुद्दे को सुलझाने के लिए हल खोजेंगे।’आडवाणी के अलावा उत्तर प्रदेश के नव-नियुक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित भाजपा के कई नेताओं ने उच्चतम न्यायालय के इस कदम का स्वागत किया है।