भमोरा (बरेली)। लगातार चुनाव ड्यूटी के दौरान बीमार हुए होमगार्ड ने बलिया जिला अस्पताल से वाराणसी ले जाते समय दम तोड़ दिया। इसकी जानकारी मिलते ही घर में कोहराम मच गया। गार्ड ऑफ ऑनर के बाद होमगार्ड का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे पहले होमगार्ड कमान्डेंट, उप जिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी ने उसे श्रद्धांजलि अर्पित की।
ग्राम कटका भरत निवासी लालबहादुर (23) पुत्र स्वर्गीय रामचन्द्र की बीती 7 अप्रैल को 10 सहकर्मियों के साथ लोकसभा चुनाव के सातों चरणों के लिए ड्यूटी लगी थी। सहारनपुर, नगीना, बरेली, लखनऊ, जालौन आदि होते हुए बुधवार को वह बलिया पहुंचा। तेज गर्मी के बीच लगातार चुनाव ड्यूटी के चलते लालबहादुर बीमार हो गया। उसे 2-3 दिन से बुखार भी था। बुधवार को सुबह 10 बजे नहा-धोकर खाना खाने के बाद वह पेशाब करने गया तो वहीं गिर गया। साथी होमगार्ड उसे बलिया जिला अस्पताल ले गए जहं हालत गम्भीर देख उसे वाराणसी रेफर कर दिया गया। वाराणसी पहुंचने से पहले ही दोहपर करीब सवा दो बजे उसकी रास्ते में ही मौत हो गई।
लालबहादुर की मौत की सूचना मिलते ही घर मे कोहराम मच गया। गुरुवार को उसका शव गांव पहुंचा तो शोक की लहर दौड गई। बाबा कल्लू (75), दादी जावित्री (72) और मां सुखदेई का रो-रोकर बुरा हाल था। होमगार्ड कमान्डेट प्रीति शर्मा, एसडीएम आंवला विशू राजा और सीओ आंवला रामप्रकाश ने लालबहादुर को श्रद्धाजंली दी जबकि भमोरा पुलिस के साथ ही विभागीय कर्मियों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। छोटे भाई रवि ने मुखाग्नि दी। आविवाहित लालबहादुर अपने पीछे दादा-दादी, मां, दो भाई और तीन बहनें छोड़ गया है। वह भाई-बहनों में सबसे बड़ा था।
पिता ने की थी आत्महत्या
लालबहादुर के पिता भी होमगार्ड में थे। 8 फरवरी 2015 को चुनाव ड्यूटी में जाने के लिए थाने आये प्लाटून कमांडर (पीसी) रामचन्द्र ने मानसिक तनाव के चलते थाना परिसर में ही पाकड़ के पेड़ से लटक कर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद फरवरी 2017 में मां की सहमती पर लालबहादुर को पिता की जगह नौकर मिल गई थी।