बरेली। प्रदेश के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि हर खेत को पानी पहुंचाना योगी सरकार की प्राथमिकता है। सिंचाई बेहतर होने पर खेतों में पैदावार बढ़ने के साथ ही किसानों की बदहाली खत्म होगी। कहा कि नदियों और नहरों पर अवैध कब्जों को भी हटाने का काम किया जाएगा। सिंचाई के अलावा भी किसानों की सभी समस्याओं को दूर करने पर सरकार की नीतियां केंद्रित रहेंगी। गन्ना किसानों के भुगतान को लेकर योगी सरकार गंभीर है। वह यहां सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
धर्मपाल सिंह ने कहा कि योगी सरकार की पहली प्राथमिकता लोगों को बदलाव का अहसास कराना है। राज्य की जनता ने इस बार भाजपा को ’’छप्पर फाड़ नहीं, लिंटल फाड़’’ बहुमत दिया है। अब सबसे बड़ी चुनौती तो जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतरने की है। भाजपा को भी अहसास है कि जनता ने सत्ता सुख भोगने के लिए नहीं, बल्कि काम करने के लिए राज्य की सत्ता भारी बहुमत से सौंपी है। इसलिए योगी सरकार पहले दिन से ही जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए जुट गई है।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी खुद सड़क पर उतर कर व्यवस्था की खामी को समझने और उसे दूर करने में जुट गए हैं। कहा कि कार्यप्रणाली में बदलाव होने से सरकार के कामकाज में तेेजी आएगी। अधिकारियों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी पत्रावली कहीं 15 दिन से ज्यादा नहीं रूकनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का कामकाज पारदर्शिता से होगा। खनन, राशन और दूसरे माफियाओं को सचिवालय और दफ्तरों के पास फटकने भी नहीं दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सिंचाई व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए नहरों की सफाई प्राथमिकता से कराने के निर्देश जारी किए हैं। पिछली सरकार की तरह यह काम कागजों पर नहीं होगा। हर नदी और नहर का सिंचाई व्यवस्था में पूरा इस्तेमाल किया जाएगा। जिन क्षेत्रों में नहरे नहीं हैं बहां ट्यूबवेल को दुरूस्त कर सिंचाई व्यवस्था में सुधार किया जाएगा। बिजली की किल्लत वाले क्षेत्रों में सौर ऊर्जा से ट्यूब वेल चलाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि स्थानीय अधिकारियों के साथ हुई बैठक में उन्होंने इस बार गेहूं के क्रय केंद्र समय से शुरू करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों को यह हिदायत भी दी गई है कि किसानों का शोषण किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस बार भाजपा के कार्यकर्ता भी क्रय केंद्रों की निगरानी करेंगे। पिछली सरकार के दौरान रामगंगा नदी के पास जिला प्रशासन ने ट्रेंचिंग ग्राउंड के लिए जमीन का चयन किया था। इससे नदी में प्रदूषण फैलने की संभावन को देखते हुए दूसरा स्थान ढूंढने के निर्देश दिए हैं।