बरेली। ख्वाजा गरीब नवाज़ के 805 वें कुल शरीफ के मौके पर शहर से लेकर देहात तक ख्वाजा की महफिलें सजाई गईं और कुल शरीफ की रस्म अदा की गईं। खानकाहे नियाजिया में परम्परा के अनुसार कार्यक्रम प्रबंधक हजरत शब्बू मियां नियाजी की सरपरस्ती में हुआ। इस खानकाह की दरगाह ख्वाजा गरीब नवाज़ से खास मकबूलियत है और खानकाह के सभी साहबजादगान वर्षो से अजमेर शरीफ जाते हैं। बरेली में ये परम्परा शब्बू मियां नियाजी निभाते हैं।
मान्यता है कि जब तक अजमेर शरीफ में खानकाहे नियाजिया के गद्दीनशीन और ख्वाजा गरीब नवाज़ के गद्दी नशीन एक साथ नहीं बैठेंगे तब तक उर्स की परम्पराएं पूरी नहीं होंगी। इसीलिए खानकाहे नियाजिया के सज्जादा नशीन हजरत हसनी मियां कई दिन पहले ही अजमेर के लिए रवाना हो गये। खानकाहे नियाजिया में कुल शरीफ की रस्म अदा हुई और यहां दलिये का तबर्रूक वितरित किया गया।
सुबह से ही यहां अकीदतमंदों का सैलाब उमड़ा देखा गया। इसके अलावा शहर में दरगाहे आला हजरत, अजहरी मेहमान खाना, मदरसों, के अलावा हजरत शाहदाना वली दरगाह, हजरत वली मियां दरगाह, हजरत तहसीन मियां दरगाह, हजरत हबीब मियां दरगाह,हजरत बशीर मियां दरगाह, बाईपास पर हाफिज मियां दरगाह, झाड़झूडा़ दरगाह के अलावा शहर की मस्जिदों और घर-घर में फातेहा ख्वानी की गई और दलिये का तबर्रूक वितरित किया गया।