rotary internationalबरेली। रोटरी इण्टरनेशनल देशभर में आॅटिज्म पीड़ित बच्चों के विकास के लिए समाज में जागरूकता पैदा करने का कार्य करेगा। इसके लिए रोटरी और भारत सरकार के बीच एक समझौता पर हस्ताक्षर किये गये हैं। यह जानकारी बरेली में पूर्व रोटरी गवर्नर पीपी सिंह ने दी।

उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह नयी दिल्ली के विज्ञान भवन के प्लेनरी हाॅल में ‘आॅटिज्म’ पर एक राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि रहे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत और उनके दोनों राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और रामदास अठावले विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

संयुक्त सचिव एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुकेश जैन ने कार्यक्रम के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। आॅटिज्म के वर्तमान परिदृश्य पर एक्शन फार आॅटिज्म की निदेशक मेरी बरूआ तथा आल इण्डिया मेडिकल साइन्स के बाल रोग विभाग की चीफ बाल न्यूरोलाॅजी डिवीजन डा0 शेफाली गुलाटी ने चिकित्सीय दृष्टिकोण को विस्तार से बताया।

उन्होंने आॅटिज्म के कारण होते हैं और उससे बचने के उपाय बताये। कहा कि यदि आॅटिज्म के लक्षण का पता लगा लिया जाये तो हम बच्चे का उपचार कर सकते हैं। आॅटिज्म एक तरह की शरीर में मैटाबोलिज्म का डिस्आर्डर होने के कारण होता है। कार्यक्रम में आॅटिज्म प्रतिभा खोज प्रतियोगिता के अन्तर्गत विभिन्न संस्थाओं के बच्चों को सम्मानित किया गया। बरेली से मेन्टली चैलेन्जड बच्चों के स्कूल पूजा सेवा संस्थान के चेयरमैन पी.पी. सिंह एवं सचिव मोहित खन्ना उपस्थित रहे।

इसके अतिरिक्त डा. अरूण सिंह सलाहकार राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय दिल्ली, डाॅ0 अनुप्रिया चढ्ढा मुख्य सलाहकार सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार, डाॅ0 कोयली सेन गुप्ता विकास संबंधी बाल रोग विशेषज्ञ आत्मकेंद्रित सेवा प्रमुख उम्मीद बाल विकास केंद्र मुम्बई, अद्वितीय भटनागर सेल्फ एडवोकेट आॅटिजम, डाॅ0 अर्चना नय्यर, निदेशक आॅटिजम सेंटर फाॅर एक्सलेन्स गुड़गांव हरियाणा, पायल बनर्जी, द म्यूजिक थेरेपी ट्रस्ट, डाॅ0 एनी कोशी प्रिंसिपल सेंट मैरी स्कूल विषेश रूप से उपस्थित रहीं। इसके अलावा सम्मेलन में नेशनल ट्रस्ट से जुड़ी पूरे देश की संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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