नई दिल्ली । पूर्व रक्षामंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि कश्मीर मुद्दे का हल ‘चर्चा कम कार्रवाई अधिक’ है। कश्मीर मुद्दे पर वह बेहद दबाव महसूस कर रहे थे जिस वजह से रक्षामंत्री का पद छोड़कर फिर से गोवा का मुख्यमंत्री बनने का फैसला किया।
गोवा का मुख्यमंत्री बनने के बाद शुक्रवार को दूरदर्शन न्यूज पर प्रसारित अपने पहले इंटरव्यू में मनोहर पर्रिकर ने भावुक होकर बताया कि उनके रक्षामंत्री पद को छोड़ने का एक मुख्य कारण कश्मीर जैसा भी एक मुद्दा है जिसके चलते उन्होंने फिर से गोवा लौटना ठीक समझा। उन्होंने कहा कि ‘कश्मीर मुद्दे को सुलझाना एक आसान काम नहीं था और इसके लिए एक दीर्घकालिक नीति की जरूरत है। कश्मीर एक ऐसा मुद्दा है, जो किसी चर्चा से नहीं बल्कि कार्रवाई से ही हल होगा’।
In #jadhav case, Pakistan is going to play dangerous games: #Goa CM @manoharparrikar pic.twitter.com/qdYvcEANO6
— DD News (@DDNewslive) April 14, 2017
रक्षा मंत्री रहने के दौरान पर्रिकर कश्मीर में सख्ती बरतने के हिमायती रहे। उनके कार्यकाल में ही सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया था। पर्रिकर ने कहा, केंद्र में कश्मीर और यहां वहां की तमाम समस्याएं हैं। दिल्ली में एक समस्या नहीं होती। बहुत दबाव होता है। पर्रिकर के इस बयान के बाद सवाल उठने लगा है कि आखिरकार कश्मीर मुद्दे को लेकर उनपर किस तरह का दबाव था जिससे उन्होंने रक्षा मंत्री का पद छोड़ने का फैसला किया?
पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा, कश्मीर जैसे मुद्दों पर ‘चर्चा कम और कार्रवाई अधिक’ की नीति की जरूरत है, क्योंकि जब आप चर्चा करने के लिए बैठते हैं तो मुद्दे जटिल हो जाते हैं। पर्रिकर ने कहा, पाकिस्तान खुद को भले ही कैसा भी दिखाए, लेकिन उसे समझना चाहिए कि यदि भारत ने जवाबी कार्रवाई शुरू की है तो उसके पास मुकाबला करने की ताकत नहीं है। कुलभूषण जाधव के मामले में पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान एक खतरनाक खेल खेल रहा है। जाधव को जासूसी के आरोप में पाकिस्तान ने मौत की सजा सुनाई है।
पर्रिकर ने कहा, हम शांतिप्रिय देश हैं। हम उकसावा नहीं चाहते, इसलिए उन्हें जाधव को वापस भेज देना चाहिए। उन्होंने कहा, पहले उन्होंने जाधव का अपहरण किया। वह पाकिस्तान में नहीं थे। वह ईरान में थे। ईरान ने कहा है कि तालिबान ने उनका अपहरण किया और वह उन्हें पाकिस्तान ले गया। पाकिस्तान की कुछ न कुछ करने की आदत है। पर्रिकर ने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उचित जवाब दिया है कि यदि जाधव को पाकिस्तान फांसी पर लटकाता है तो भारत चुप नहीं बैठेगा।