प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार रात को एक गुफा में ध्यान लगाने के बाद रविवार सुबह फिर से उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ धाम स्थित गुफा में करीब 17 घंटे ध्यान-साधना करने के बाद रविवार की सुबह एक बार फिर केदारनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की।बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को दोपहर दो बजे ध्यान-साधना के लिए गुफा में गए थे।गुफा में जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी साधना में लीन हो गए थे।सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, “मोदी किसी गुफा के अंदर रात बिताने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं ।”

चुनाव आयोग को कहा शुक्रिया
उन्होंने कठिन चुनाव कार्यक्रम के बावजूद केदारनाथ आने के लिए मीडिया को धन्यवाद दिया और कहा कि केदारनाथ में पुनर्विकास के बारे में मीडिया का संदेश सकारात्मक होगा। उन्होंने लोगों से सिंगापुर और दुबई जैसी जगहों के अलावा केदारनाथ और भारत के अन्य क्षेत्रों की यात्रा करने की भी अपील की ।

अधिकारियों से भी की बातचीत
मोदी ने केदारनाथ में 2013 में आई भीषण बाढ़ के बाद इसके पुनर्विकास कार्य की सराहना की और कहा कि एक समर्पित टीम इस प्रक्रिया में लगी हुई है। उन्होंने कहा, “मैं वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए समय-समय पर काम की निगरानी करता हूं । “

गुफा में प्रवेश करने से पहले कही ये बात
स मौके पर मोदी ने कहा- ‘मैं जब भगवान के चरणों में आता हूं तो कभी कुछ मांगता नहीं हूं। मांगने की प्रवृत्ति से मैं सहमत भी नहीं हूं क्योंकि उसने (भगवान) आपको मांगने नहीं, देने योग्य बनाया है । ‘

केदारनाथ के बाद पहुंचे बद्रीनाथ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बाबा केदारनाथ के दर्शन करने के बाद रविवार को बद्रीनाथ धाम पहुंचे। यहां उन्‍होंने मंदिर में करीब 45 मिनट पूजा-अर्चना की. इसके बाद मंदिर से बाहर निकलकर उन्‍होंने लोगों से मुलाकात की।

गुफा से मंदिर तक पैदल पहुंचे
मोदी सुबह गुफा से बाहर आने के बाद छड़ी के सहारे ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी रास्ते पर पैदल चलते हुए मंदिर पहुंचे। इस दौरान रास्ते में उन्होंने बर्फ से ढंकी पहाड़ियों का नजारा लिया।

अंदर दुनियादारी से पूरी तरह से विरक्त
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह विशेष रूप से बनाई गई गुफा के अंदर दुनियादारी से पूरी तरह से विरक्त हो गए थे । गुफा में बिजली, शौचालय, टेलीफोन आदि की सुविधा थी और सीसीटीवी कैमरा लगा था । उन्होंने कहा, “कोई कम्युनिकेशन नहीं था. बस एक छोटी सी खिड़की थी जिसके जरएि मैं मंदिर को देख सकता था।”

By vandna

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