नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद और रामजन्म भूमि न्यास के सदस्य रामविलास वेदांती ने शुक्रवार को चौंकाने वाला बयान दिया कहा, ‘मेरे कहने पर कारसेवकों ने बाबरी ढांचे को तोड़ा। आडवाणी और जोशी तो कारसेवकों को ढांचा तोड़ने से रोक रहे थे।सीबीआई के अधिकारियों ने इन नेताओं के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज करायी।’वेदांती ने कहा कि वह अपने बयान से पलटेंगे नहीं, भले ही उन्हें फांसी हो जाए।

वेदांती ने दावा किया कि उनके कहने पर कारसेवकों ने बाबरी ढांचे को तो़ड़ा था। वेदांती का कहना है कि विवादित ढांचे को तोड़ने में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती की कोई भूमिका नहीं है। वेदांती का कहना है कि वीएचपी के दिवंगत नेता अशोक सिंघल के अलावा महंत अवैधनाथ भी इस साजिश में शामिल थे।

वेदांती ने आगे कहा, ‘मैं रामलला से ये प्रार्थना जरूर करूंगा कि भारत सरकार और राज्य सरकार को ऐसी दिशा मिले कि जल्द से जल्द मंदिर का निर्माण हो।’ उन्होंने सरकार से विवादित स्थल के आस-पास अधिग्रहित 67.77 एकड़ जमीन रामजन्मभूमि न्यास को सौंपने की भी मांग की, ताकि इस भूमि पर राममंदिर निर्माण शुरू किया जा सके।उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जजों को चुनौती दी कि ध्वंस के समय के साक्ष्यों का अयोध्या आकर पुनर्वलोकन करें। वेदांती ने सीबीआई की नियत पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि सीबीआई की झूठी गवाही पर जजों ने फिर केस चलाने का आदेश दिया है।

 

 

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