नई दिल्ली। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को सीबीआई द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए एक हलफनामे से बड़ी राहत मिली है। जांच एजेंसी ने आय से अधिक संपत्ति मामले में दाखिल इस हलफनामे में उत्तर प्रदेश के इन दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को क्लीन चिट दे दी है। उसने हलफनामे में कहा है कि पिता और पुत्र के खिलाफ उसको कोई सुबूत नहीं मिला है। इसमें कहा गया है, “7 अगस्त 2013 को जांच बंद की जा चुकी है क्योंकि शुरुआती जांच में किसी संज्ञेय अपराध की पुष्टि नहीं हुई थी।”
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि प्रारंभिक जांच में दोनों के खिलाफ कुछ नहीं मिला है। इस मामले की जांच 2013 में पूरी हो गई थी और सीवीसी को रिपोर्ट सौंप कर मामला बंद कर दिया गया था. दरअसल, याची कांग्रेस नेता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने अर्जी दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई को दोनों नेताओं के आय से अधिक संपत्ति रखने के बारे में रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश मांगा था। इस पर शीर्ष अदालत ने सीबीआई से हलफनामा दाखिल कर जवाब देने को कहा था। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीबीआई से केस की जांच रिपोर्ट मांगी थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि छह साल पहले जांच पूरी होने के बावजूद सीबीआई ने इसकी रिपोर्ट नहीं सौंपी है। इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर कहा था कि उनके खिलाफ दायर याचिका राजनीति से प्रेरित है। लोकसभा चुनाव होने हैं, इसलिए जानबूझकर उनके खिलाफ येहअर्जी दाखिल की गई है। आयकर विभाग ने उनकी और उनके परिवार की संपत्ति की जांच की थी लेकिन उसे कुछ नहीं मिला। ऐसे उनके और उनके परिवार के खिलाफ दायर याचिका को खारिज किया जाना चाहिए।