नयी दिल्ली :सोमवार को पीडब्ल्यूडी घोटाले से जुड़े दस्तावेज बरामद करने के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम केजरीवाल के साढ़ू सुरेंद्र कुमार बंसल के घर पहुंची।एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम पवन कुमार और कमल कुमार के घर भी गई।

बता दें कि एंटी-करप्शन ब्यूरो ने कथित पीडब्ल्यूडी घोटाले में तीन एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें से एक एफआईआर में केजरीवाल के साढ़ू सुरेंद्र बंसल की कंपनी रेणु कंस्ट्रक्शन्स का भी नाम है।बंसल का 7 मई को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।बता दें कि रेणु कंस्ट्रक्शन्स में पवन कुमार और कमल कुमार का भी स्वामित्व है।
हालांकि एफआईआर में सुरेंद्र बंसल का नाम नहीं है, लेकिन उनकी कंपनी के अलावा पीडब्ल्यूडी के अधिकारी और 2 अन्य आरोपियों के नाम इनमें दर्ज हैं। एंटी-करप्शन ब्यूरो ने सभी आरोपोयों पर भ्रष्टाचार-रोधी अधिनियम और जालसाजी से जुड़ी धाराएं (13(1) d 420, 468, 471, 120b, 34) लगाई हैं।

एंटी-करप्शन ब्यूरो चीफ एमके मीणा के मुताबिक मुकदमे समाजसेवी राहुल शर्मा की शिकायत पर दर्ज हुए हैं।उनके मुताबिक दिल्ली सरकार के बर्खास्त मंत्री कपिल मिश्रा ने भी इस मामले में कुछ तथ्य उजागर करने की बात कही है।

क्या है पीडब्ल्यूडी घोटाला?
दरअसल, पीडब्ल्यूडी ने 2014 से 2016 के बीच नार्थ-वेस्ट दिल्ली में 2 जगह सीवर और नाली बनाने के काम का ठेका दिया था। आरोप है कि ये ठेका अरविंद केजरीवाल के साढ़ू सुरेंद्र बंसल की कंपनी रेणु कंस्ट्रक्शन को दिया गया और फिर ये काम आगे कुछ फर्जी कंपनियों को दे दिया गया।

आरोपों के मुताबिक नियमों को ताक पर रख कर इस काम के करीब 10 करोड़ रुपये के बिल पास कर दिए गए। ये बिल बोगस कंपनियों के नाम ही पास किये गए थे जो सोनीपत और रोहिणी के फर्जी पतों पर दर्ज थीं। रोड एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन  नाम की एनजीओ के कार्यकर्ता राहुल शर्मा ने मामले को उठाया था।

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