नई दिल्ली। ईवीएम (EVM) और वीवीपीएटी (VVPAT) को लेकर विपक्षी दलों के
तीखे
तेवर व कुछ नेताओं के विवादास्पद बयानों के चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय सतर्क हो
गया है। मतगणना के दौरान हिंसा की आशंका को देखते हुए सुरक्षात्मक उपाय
शुरू हो गए हैं। सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी को अलर्ट
रहने के लिए कहा गया है। राज्य और
केंद्र शासित प्रदेशों में कानून और शांति व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
सात चरणों में हुए लोकसभा चुनाव 2019 के के नतीजे गुरुवार, 23 मई 2019 को आने हैं। गृह मंत्रालय को ऐसा अंदेशा है कि इस दौरान हिंसा भड़क सकती है। दरअसल, इस बार लोकसभा चुनाव में इवीएम और वीवीपीएटी पर रार मची हुई है। विपक्षी दल कई-कई बार चुनाव आयोग से लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं।
नेताओं के बयानों ने बिगाड़ा बयान
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार में महागठबंधन के घटक राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को एक्जिट पोल के नतीजे से नाराजगी जताते हुए कहा कि भाजपा नतीजे लूटने की कोशिश कर रही। उसके इस रवैये से सड़कों पर खून बहेगा। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि नतीजे लूटने की कोई भी कोशिश हुई तो हथियार भी उठाने से परहेज नहीं करेंगे। जनता का आक्रोश संभल नहीं पाएगा। कुशवाहा के इस बयान पर लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने पलटवार करते हुए कहा कि जैसे को तैसा जवाब मिलेगा। पासवान ने यह बयान मंगलवार को दिल्ली में राजग के सहयोगियों दलों के रात्रिभोज कार्यक्रम में दिया है।
इस बीच कुशवाहा के इस बयान से अन्य नेताओं का हौसला भी बढ़ गया। बिहार की भभुआ के पूर्व विधायक और लोकसभा चुनाव में बक्सर से निर्दलीय उम्मीदवार रामचंद्र यादव ने कैमूर ईवीएम मामले में हथियार लहराते हुए प्रेस कान्फ्रेंस कर सनसनी फैला दी। धमकी दी कि लोकतंत्र के लिए हथियार उठाना पड़े तो उठाऊंगा। रिजल्ट फेवर में नहीं आने पर अब लड़ना पड़ेगा, अब चुप बैठने से काम नहीं चलेगा। उनके इस बयान का वीडियो वायरल हो रहा है।