गुवाहाटी। असम के तेजपुर एयरबेस से कुछ दिनों पहले उड़ान भरने के बाद लापता हुए सुखोई-30 लड़ाकू विमान का मलबा बरामद कर लिया गया है हालांकि, विमान में सवार दो पायलटों का अभी पता नहीं चल पाया है। वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया, “मलबा उस स्थान के आसपास ही मिला है, जहां आखिरी बार विमान की स्थिति का पता चला था फिलहाल मौसम खराब है और उस स्थान पर घने जंगल हैं। “. सुखोई लड़ाकू विमान मंगलवार (23 मई) को सुबह साढ़े दस बजे तेजुपर सलोनिबारी वायुसेना स्टेशन से उड़ान भरने के बाद लापता हो गया था, यह नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था और इसमें चालक दल के दो सदस्य सवार थे।
72 hours on, wreckage of missing #Sukhoi30 found
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— ANI Digital (@ani_digital) May 26, 2017
तेजपुर 4 कोर के रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सोंबित घोष ने बताया कि लापता सुखोई..30 लड़ाकू विमान का मलबा विमान की अंतिम अज्ञात स्थिति के पास मिला जो तेजपुर के 60 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में शोणितपुर जिले में थी।
तेजपुर स्थित सैन्यअड्डे पर रक्षा प्रवक्ता ने बताया, “फिलहाल, मौसम खराब है. इसलिए अभी बचाव दल के लिए मलबे वाले स्थल तक पहुंचना मुश्किल है।” एसयू-30 ने 23 मई को वायुसेना के तेजपुर अड्डे से सुबह लगभग 9.30 बजे उड़ान भरी थी।यह स्थान अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा से लगभग 172 किलोमीटर दूर है. विमान नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था।
जेट विमान का संपर्क पूर्वाह्न् करीब 11.10 बजे टूट गया, जब यह तेजपुर से करीब 60 किलोमीटर दूर चीन से सटे अरुणाचल प्रदेश के दौलासांग क्षेत्र में था। बचाव कार्य में सेना की नौ टीमों और राज्य प्रशासन की दो टीमों सहित वायुसेना की चार टीमें लगी हुई हैं।बचाव कार्य में सी-130 विमान के अलावा, उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर और चेतक हेलीकॉप्टर भी है। तेजपुर आईएएफ के उन तीन सैन्यअड्डों में से एक है, जहां से सुखोई विमानों का संचालन होता है।
एयरफोर्स के प्रवक्ता ने कहा,‘अभी मौसम खराब है और संबंधित जगह घने जंगल में है तथा तलाशी अभियान टीम के सदस्यों का अभी घटनास्थल पर पहुंचना बाकी है।’ खराब मौसम और घना जंगल होने की वजह से यहां सर्च ऑपरेशन में दिक्कत आ रही थी।इसके सर्च ऑपरेशन में भारतीय वायु सेना के चार दल, भारतीय सेना के नौ दल और राज्य प्रशासन के दो दल लगे हुए थे।
दो सीटों वाले सुखोई..30 एमकेआई विमान ने सलोनिबारी के तेजपुर वायुसेना स्टेशन से 23 मई को सुबह साढ़े दस बजे उड़ान भरी थी और लगभग 11 बजकर 10 मिनट पर इसका रडार तथा रेडियो संपर्क टूट गया था।
अपुष्ट खबरों में कहा गया कि लड़ाकू विमान में एक स्क्वाड्रन लीडर तथा चालक दल का एक अन्य सदस्य सवार था, लेकिन वायुसेना ने लापता विमान में सवार किसी भी व्यक्ति के नाम या रैंक के बारे में कोई जानकारी जारी नहीं की है।
यहां से चीन की सीमा करीब 200-250 किमी से कम दूरी पर है। भारतीय वायुसेना में लगभग 240 सुखोई विमान हैं। इनमें से कई विमान हादसे के शिकार हो चुके हैं.
सुखोई- 30 एयरक्राफ्ट वर्तमान में दुनिया के बेहतरीन लड़ाकू विमानों में शामिल है।यह एयरक्राफ्ट रूटीन ट्रेनिंग मिशन पर था। सर्च ऑपरेशन जारी था।
इससे पहले 15 मार्च को सुखोई-30 एमकेआई जेट राजस्थान के बाड़मेर जिले के शिवकर कुडला गांव में क्रैश हो गया था। इस हादसे में तीन गांव वालों जख्मी हो गए थे।