बरेली। सोमवार को जिला उद्योग बंधु की बैठक में डीएम डा. पिंकी जोवल को गुस्सा आ गया। इस गुस्से के कारण तीन विभागों के अफसर कलेक्ट्रेट सभागार में ही फंसकर रह गये। मामला सरकारी लापरवाही की पराकाष्ठा का था।
हुआ यूं कि सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला उद्योग बंधु की बैठक थी। डीएम डा. पिंकी जोवल इसकी अध्यक्षता कर रही थीं। बैठक में चर्चा के दौरान बताया गया कि परसाखेडा रोड नं0 03 से सुल्तानिया मजार तक नाला निर्माण सरकारी विभागों की लापरवाही की वजह से बीते पांच साल से लटका हुआ है। उद्यमियों ने बताया कि वन विभाग अधिकारी नगर निगम पर और नगर निगम के लोग वन विभाग पर टालते रहते हैं। परिणाम यह कि काम की इस स्थिति जस की तस बनी हुई है।
इसी बात पर डीएम को गुस्सा आ गया। उन्होंने नगर निगम के अभियंता, प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी और वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि आज जब तक इस नाले के निर्माण के प्रस्ताव में आने वाली बाधाओ को दूर नहीं कर लेते, इस कक्ष से बाहर नहीं निकलेंगे। इस मुद्दे को हल करें और मुझे निस्तारण सहित पूरी वस्तुस्थिति को बताने के बाद यहाॅ से जायेगें।
इसके अतिरिक्त भोजीपुरा औद्योगिक क्षेत्र में सडक किनारों की टायल्स नीची लगवा देने व ट्रक खडे होने में टायल्स टूटने की समस्या थी जिसमें पी0डब्लू0डी0 द्वारा बताया गया कि कार्य हो चुका है जबकि उद्यमियों ने कार्य न होने की बात कही। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि दोनों पक्ष एक साथ कराये गए कार्य का निरीक्षण करें और पी0डब्लू0डी0 पूरे कराये गए कार्य का मैप लेकर आये।
भोजीपुरा कस्बे का पानी औद्योगिक क्षेत्र में आने की समस्या पर नाले का निर्माण कराया जाना है। इसके निर्माण का पीडब्लूडी ने 89 लाख का एस्टीमेट तैयार कर प्रस्तुत किया है। बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि निर्माण एजेन्सियाॅ कार्य कराने के बाद रोड पर ही मलबा व निर्माण सामाग्री छोड़ देती हंै जिससे एक्सीडेन्ट होते है। उक्त मलबे को हटाने के लिए जिलाधिकारी ने संबधितों को सात दिन का समय देते हुए कहा कि यदि सात दिन में आप नहीं उठाते हैं, तो यह छूट होगी कि कोई भी व्यक्ति उसे उठाकर अपने इस्तेमाल में ले सकता है। बैठक में विभिन्न विभागो के अधिकारीगण और उद्यमीगण उपस्थित रहे।