लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश की एक-एक सीट मायने रखती है। प्रदेश की कई ऐसी सीटें हैं जिन पर सबकी नजर है। कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मुलायम सिंह यादव, सपा प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव, उनकी पत्नी डिंपल यादव, सात बार के सांसद व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय, केंद्रीय मंत्री वीके सिंह और महेश शर्मा की सीटों के नतीजों पर सबकी निगाहें हैं।


वाराणसी में नरेंद्र मोदी आगे
उत्तर-प्रदेश की सबसे चर्चित वीआईपी सीट है वाराणसी। वाराणसी सीट से इस बार भी भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी मैदान में हैं। पिछली बार भी वाराणसी से पीएम मोदी ने ही जीत हासिल की थी। दरअसल, पीएम मोदी ने 2014 लोकसभा चुनाव में वाराणसी के अलावा गुजरात के वडोदरा से भी चुनाव लड़ा था और दोनों ही जगह से जीत हासिल की थी, लेकिन उन्होंने वाराणसी को अपने संसदीय क्षेत्र के रूप में चुना। इस बार वाराणसी से पीएम मोदी का मुकाबला कांग्रेस के अजय राय और सपा-बसपा गठबंधन की ओर से शालिनी यादव से है। वाराणसी सीट पर सातवें चरण में वोटिंग हुई थी। यह सीट बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव की उम्मीदवारी और पर्चा निरस्त होने की वजहों से भी सुर्खियों रहा।

रायबरेली में सोनिया गांधी आगे

उत्तर-प्रदेश की रायबरेली सीट कांग्रेस पार्टी की मजबूत गढ़ रही है और सोनिया गांधी पांचवीं बार चुनावी मैदान में हैं। इस बार भी कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी ही चुनाव लड़ रही हैं। बीजेपी ने सोनिया गांधी के खिलाफ दिनेश प्रताप सिंह को उतारा है। दिनेश प्रताप सिंह रायबरेली सीट से कांग्रेस एमएलसी थे और वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। रायबरेली सीट पर पिछले चार बार से लगातार सोनिया गांधी चुनाव जीतती आ रही हैं। रायबरेली में पांचवें चरण में मतदान हुए हैं।

अमेठी में स्मृति ईरानी आगे
अमेठी कांग्रेस परिवार की परंपरागत सीट में शुमार है। अमेठी लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हैं। पिछली बार की तरह ही इस बार भी राहुल गांधी का मुकाबला केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से है। बीजेपी ने एक बार फिर से स्मृति ईरानी को राहुल गांधी के खिलाफ मैदान में उतारा है। हालांकि, पिछली बार स्मृति ईरानी को हार का सामना करना पड़ा था। राहुल गांधी इस बार अमेठी के साथ-साथ केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं। अमेठी में भी पांचवें चरण में ही मतदान हुए। 

 आजमगढ़ में अखिलेश यादव आगे
आजमगढ़ लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद हैं मुलायम सिंह यादव। मगर इस बार सपा की ओर से खुद अखिलेश यादव चुनावी मैदान में हैं। अखिलेश यादव के खिलाफ बीजेपी ने दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को उतारा है। अखिलेश यादव के खिलाफ भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को उतार कर बीजेपी ने सबको चौंका दिया। आजमगढ़ सीट पर छठे चरण में मतदान हुए। बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने बीजेपी के रमाकांत त्रिपाठी को हराया था।

बरेली में संतोष गंगवार आगे

भाजपा के गढ़ बरेली में एक बार फिर केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार जीत की ओर बढ़ रहे हैं। यहां महागठबंधन के प्रत्याशी भगवत शरण गंगवार दूसरे व कांग्रेस के प्रवीण सिंह ऐरन तीसरे स्थान पर चल रहे हैं। यहां से संतोष गंगवार का आठवीं बार लोकसभा पहुंचना तय माना जा रहा है।

गाजीपुर में मनोज सिन्हा
गाजीपुर लोकसभा सीट पर सातवें चरण में मतदान हुआ। इस सीट पर भाजपा के मनोज सिन्हा और बसपा के अफजल अंसारी के बीच में कड़ी टक्कर है। केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा इस सीट से मौजूदा सांसद हैं और पिछली बार उन्होंने सपा के शिवका को हराया था।
 
सुल्तानपुर में मेनका गांधी आगे

सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर इस बार बीजेपी ने अपने उम्मीदवार बदले हैं। इस सीट पर भाजपा की मेनका गांधी और बसपा की चंद्रभद्र सिंह के बीच कड़ा मुकाबला है। कांग्रेस ने यहां से डॉ संजय सिंह को उतारा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में सुल्तानपुर से मेनका गांधी के बेटे वरुण गांधी ने जीत हासिल की थी। मगर इस बार वरुण गांधी पीलीभीत से चुनाव लड़ रहे हैं। सुल्तानपुर सीट पर 6ठे चरण में मतदान हुए। 

लखनऊ में राजनाथ सिंह आगे

लखनऊ लोकसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ कांग्रेस ने जहां आचार्य प्रमोद कृष्णम को उतारा है, वहीं महागठबंधन की ओर से शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा मैदान में हैं। 2014 में इस सीट से राजनाथ सिंह ने कांग्रेस की प्रोफेसर रीता को हराया था। बता दें कि इस सीट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहावी वाजपेयी कई बार चुनाव जीत चुके हैं। इस सीट पर छठे चरण में मतदान हुए। 
  
मुजफ्फरनगर में संजीव बालियान आगे
यूपी की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर महागठंबधन को ओर से रालोद प्रत्याशी अजित सिंह चुनावी मैदान में हैं। यहां अजित सिंह और भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान के बीच सीधी लड़ाई है। मुजफ्फरनगर सीट पर पहले चरण में चुनाव हुए थे। यहां से मौजूदा सांसद हैं संजीव बालियान हैं। पिछली बार इस सीट पर संजीव बालियान ने बसपा के कादिर राणा को हराया था।

बागपत में सत्यपाल सिंह आगे
बागपत लोकसभा सीट पर रालोद के जयंत चौधरी और भाजपा के सत्यपाल सिंह के बीच लड़ाई है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सत्यपाल सिंह ने सपा के गुलाम मोह को हराया था। वहीं, 2009 में आरएलडी के अजित सिंह यहां से जीते थे। यहां पहले चरण में ही वोटिंग हुई थी।
 
रामपुर में आजम खान आगे
यूपी में इस बार रामुपर लोकसभा सीट के नतीजे पर भी सबकी नजर होगी। यहां पर आजम खान और जया प्रदा के बीच सीधा मुकाबला है। इस बार जयाप्रदा भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा है। जयाप्रदा पर विवादित टिप्पणी के लिए आजम खान को प्रचार के दौरान चुनाव आयोग की ओर से 72 घंटे का बैन झेलना पड़ा था। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से नेपाल सिंह ने जीत हासिल की थी। हालांकि, इस सीट से जयाप्रदा सपा की टिकट पर पहले भी चुनाव जीत चुकी हैं। रामपुर में लोकसभा चुनाव 2019 के तीसरे चरण में वोटिंग हुई। 

गौतमबुद्ध नगर में महेश शर्मा आगे
लोकसभा चुनाव 2019 के रण में यूपी की गौतमबुद्ध नगर सीट से केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा पर सबकी नजरें हैं। इस सीट से पिछली बार भी महेश शर्मा ने जीत हासिल की थी। मगर इस बार केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा के सामने SP-BSP-RLD गठबंधन के साझा प्रत्याशी के रूप में BSP के सतवीर नागर हैं और इस सीट पर BSP का खासा वोट बैंक माना जाता है। यही वजह है कि यहां पर कड़ी टक्कर देखने को मिली। 

गाजियाबाद में वीके सिंह आगे
गाजियाबाद लोकसभा सीट के नतीजे इसलिए भी मायने रखती हैं, क्योंकि इस सीट पर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार भी केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने चुनाव जीता था। इस सीट से कांग्रेस ने डॉली शर्मा को उतारा है, वहीं महागठबंधन की ओर से सुरेश बंसल चुनावी मैदान में हैं। बता दें कि पहले चरण में ही इस सीट पर मतदान हुए थे।

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