मुंबई। अभिनेता से नेता बने राज बब्बर के जन्मदिवस के अवसर पर एक नजर डालते है, उनके अब तक के सिनेमा और राजनीतिक करियर पर।
राज बब्बर का जन्म 23 जून 1952 को हुआ। वर्ष 1975 में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से स्नातक की के बाद बतौर अभिनेता बनने का सपना लिए वह मुंबई आ गए।साल 1975 में राज ने मशहूर थिएटर आर्टिस्ट और फिल्म निर्देशक नादिरा से शादी कर ली थी।

 

मुंबई आने के बाद मुख्य अभिनेता के रूप में राज बब्बर ने अपने सिने करियर की शुरूआत वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म ‘सौ दिन सास के’ से की।

फिल्म ‘सौ दिन सास के’ की सफलता के बाद राज बब्बर को ‘नजराना प्यार का’, ‘साजन मेरे मैं साजन की’, ‘जज्बात’, ‘आप तो ऐसे ना थे’, जैसी कुछ फिल्मों में काम करने का मौका मिला लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कोई खास फायदा नहीं पहुंचा।
राज बब्बर की किस्मत का सितारा बी.आर.चोपड़ा की वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म ‘इंसाफ का तराजू’ से चमका।
फिल्म ‘इंसाफ का तराजू’ की सफालता के बाद राज बब्बर बी.आर.चोपड़ा के प्रिय अभिनेता बन गये और उन्होंने राज बब्बर को लगभग अपनी हर फिल्म में काम देना शुरू कर दिया। इन फिल्मों में ‘निकाह’, ‘आज की आवाज’, ‘दहलीज’, ‘किरायेदार’, ‘आवाम’ और ‘कल की आवाज’ जैसी फिल्में शामिल है।फिल्म ‘इंसाफ का तराजू’ की सफलता के बाद राज बब्बर ने अपनी खलनायक की इमेज की परवाह किये बिना रोमांटिक फिल्मों में अभिनय करना जारी रखा। इन फिल्मों में पूनम ढिल्लो के साथ ‘पूनम’ और अनिता राज के साथ ‘प्रेम गीत’ शामिल है। इन फिल्मों को दर्शकों ने पसंद तो किया लेकिन कामयाबी का श्रेय बजाये राज बब्बर के फिल्म अभिनेत्रियों को दिया गया।
1992 में फिल्म ‘कर्मयोद्धा’ बतौर मुख्य अभिनेता राज बब्बर के सिने करियर की अंतिम फिल्म साबित हुई इसके बाद राज बब्बर ने अपने को विभिन्न भूमिकाओं में पेश किया।
फिल्म ‘भीगी पलकें’ के सेट पर राज की मुलाकात स्मिता पाटिल से हुई। राज बब्बर के सिने करियर में उनकी जोड़ी अभिनेत्री स्मिता पाटिल के साथ काफी पसंद की गई। दोनों में प्यार हो गया।
हालांकि दोनों के रिश्ते से स्मिता की मां खुश नहीं थी। राज ने नादिरा को छोड़ स्मिता से शादी कर ली। राज ने एक इंटरव्यू में कहा था कि नादिरा के साथ खराब रिश्तों की वजह से मैं स्मिता के साथ प्यार में नहीं पड़ा था ये बस हो गया। नादिरा समझदार थी। उसने मेरी फीलिंग्स को समझा।

राज और नादिरा के पहले से दो बच्चे आर्य और जूही थी।
स्मिता पाटिल से उन्हें एक बेटा हुआ, जिसका नाम प्रतीक बब्बर है। प्रतीक को जन्म देने के बाद स्मिता पाटिल का निधन हो गया।
स्मिता पाटिल के निधन के बाद राज ने नादिरा से फिर शादी कर ली।
एक इंटरव्यू के दौरान प्रतीक ने कहा था कि मेरे पिता मुझे समय नहीं देते और वह अपनी दूसरी फैमिली के साथ बिजी रहते हैं. उनसे मिलने के लिए मुझे उनके घर जाना पड़ता है। पता नहीं क्यों मेरी मां की डेथ हो गई।

हिंदी फिल्मों में कई भूमिकाएं निभाने के बाद राज बब्बर ने राजनीति में प्रवेश किया। राज बब्बर आज भी फिल्म और राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय है।- एजेंसी

 

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